एचपीडीए में ऐसे भी होती है हेराफेरी
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): एचपीडीए के संरक्षण में जनपद भर में अवैध निर्माण व मानक के विपरीत निर्माण कार्य जारी है। कई-कई मंजिले भवन बेधड़क होकर बन रहे है, परंतु अब एक और तरीका पता चला है जिसके कार्यान्वन से एचपीडीए को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।
एचपीडीए पहले ग्रुप हाऊसिंग भूखंड आवंटित करता है जिसका भुगतान लेने वाला किश्तों में अदा करता है। कुछ समय बाद आवंटन लेने वाला व्यक्ति एचपीडीए के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर कहता है कि आवंटन लेने वाले व्यक्ति की आर्थिक स्थिथि ठीक नहीं है और वह ग्रुप हाऊसिंग बनाने में असमर्थ है। पत्र में प्रार्थी आवंटित भूखंड को ग्रुप हाऊसिंग जोने से आवासीय भूखंड विकास में परिवर्तन की मांग करता है। मतलब साफ है कि प्रार्थी आवंटित लम्बे-चौड़े भूखंड को आवासीय भूखंड में परिवर्तन करा कर बेचेगा और भारी मुनाफा कमाएगा। एचपीडीए नियमों का हवाला देकर ग्रुप हाऊसिंग भूखंड को आवासीय भूखंड में परिवर्तिन करना बता रहा है।
ग्रुप हाऊसिंग भूखंड की किस्त अदा न करने वाले भूखंड को एचपीडीए को स्वयं कब्जा लेना चाहिए और आवासीय भूखंडों में बदल कर एचपीडीए को स्वयं सार्वजनिक नीलामी के जरिए बेचना चाहिए ताकि मुनाफा एचपीडीए की जेब में जाए, न कि किसी अन्य की पाकेट में।
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