नगर पालिका हापुड़ ने बिना टेंडर के खर्च किए करोड़ों रुपए

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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जब अपनों को लाभ पहुंचाना है तो रास्ता खोज लिया जाता है। ये कहावत चरितार्थ हो रही है नगर पालिका परिषद हापुड़ पर।
नगर पालिका परिषद हापुड़ की कार्यप्रणाली की बानगी देखिए स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक सार्वजनिक पिंक शौचालय के रखरखाव का जिम्मा नई दिल्ली की ज्योति सेवा संस्थान को दिया था। जिसकी अवधि 31 मार्च 2021 को समाप्त हो गई।

नियम अनुसार नगर पालिका परिषद हापुड़ को उक्त कार्य की अवधि समाप्त होने से पूर्व ही आगे कार्य कराने हेतु टेंडर मांगने चाहिए और अखबारों में विज्ञापन दिया जाना चाहिए था। परंतु परिषद ने ऐसा नहीं किया और कार्य को कराने का जिम्मा मनमाने तरीके से साहुल बोथ ठेकेदार को दे दिया जिसके बदले में परिषद प्रतिमाह राहुल बोथ ठेकेदार को एक लाख 16 हजार रुपए का भुगतान कर रही है।

यदि नगरपालिका परिषद विज्ञापन देकर टेंडर आमंत्रित करती है तो हो सकता है कि कोई अन्य इससे भी कम दर पर कार्य को तैयार हो जाता। ऐसा ही उदाहरण स्वास्थ्य विभाग के अन्य कार्यों और जलकल विभाग में देखने को मिल रहा है। बालाजी टेंट हाउस के मामले में भी ऐसा देखने को मिला है।

नगर उपभोक्ता मंच हापुड़ के प्रवक्ता लोकेश सिंघल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नगर पालिका परिषद हापुड़ द्वारा बिना टेंडर मांगे कराए गए कार्यों और खरीद तथा टेंट, कुर्सियों पर खर्च हुए किराए तथा कोरोना काल में हुई खरीद की जांच की मांग की है।

परिषद में प्रकाश विभाग है जिसका दायित्व प्रकाश की व्यवस्था को दुरुस्त रखना है। प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर परिषद महापुरुषों की प्रतिमाओं, शहीद स्तम्भ व परिषद के भवन झालर से रोशनी करती है जिसके बदले परिषद ठेकेदार को लाखों रुपए का भुगतान करती है। यानि कि झालर की लागत से कई गुना। यदि परिषद झालर खरीद पर प्रकाश विभाग के कर्मचारियों से झालरें लगवा दें तो कई लाख रुपए प्रतिवर्ष की बचत होगी, परंतु करे कौन।

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