प्रोटीन की आड़ में बिक रहा हाई एस्टेरॉयड

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हापुड़, सीमन/पुलकित अग्रवाल (ehapurnews.com): हापुड़ में जल्दि और बेहतर मस्कुलर बॉडी बनाने का क्रेज़ युवाओं पर चढ़ा हुआ है। कुछ लालची ऐसे भी हैं जो कि युवाओं के इस पैशन के साथ खिलवाड़ कर अपनी जरुरतों को पूरा कर रहे हैं। अधिकतर जिमों में इन युवाओं को फुल्ली एनॉबोलिक हाई एस्टेरॉयड कैमिकल्स दिए जा रहे हैं। यही नहीं बल्कि और भी कई कैमिकल्स दिए जा रहे हैं जो कि युवाओं को अंदर से खोखला कर रहे हैं। ऐसा भी देखा जा रहा है कि जिम के अप्रशिक्षित ट्रेनर जिन्हें अनुभव भी नहीं है वह युवाओं को गलत सलाह दे रहे हैं और घटियां क्वॉलिटी के हाई एस्टेरॉयड खाने को मजबूर कर रहे हैं।
जानें किस तरह देते हैं एस्टेरॉयड:
हापुड़ की कई जिम ऐसी हैं जहां अवैध तरीके से एनॉबोलिक हाई एस्टेरॉयड कैमिकल्स एक्सरटाईज करने वालों को दिया जा रहा है। यह एनॉबोलिक हाई एस्टेरॉयड कैमिकल, प्रोटीन में मिक्स कर दिया जाता है। प्रोटीन एक बैग में भरा हुआ आता है जिसे ट्रांसपैरेंट थैली में एनॉबॉलिक हाई एस्टेरॉयड कैमिकल मिक्स कर अपने यहां एक्सरसाइज करने वाले युवाओं को बेच देते हैं। प्रोटीन के नाम पर कैमिकल दिया जा रहा है। कैप्सूलों में भी अनगिनत जानलेवा चीजें दी जा रही हैं। जल्दी बॉडी बनवाने के नाम पर यह चोरी छिपे बिना बताए एस्टेरॉयड युवाओं को बेच रहे हैं जिसका कुछ समय बाद सेहत पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है।
हापुड़ की रेलवे रोड से होती है सप्लाई:
सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार हापुड़ शहर की रेलवे रोड पर स्थित कुछ दुकानें ऐसी हैं जहां से प्रोटीन की आड़ में एनॉबोलिक हाई एस्टेरॉयड कैमिकल्स चोरी-छिपे बेचा जाता।
मार्किट में अनसर्टिफाईड/अप्रशिक्षित ट्रेनर बेच रहे एनॉबोलिक हाई एस्टेरॉयड कैमिकल्स:
हापुड़ की मार्किट में कुछ ऐसे अप्रशिक्षित ट्रेनर हैं जो कि युवाओं को जल्दी मस्कुलर बॉडी बनाने का सपना दिखाकर उन्हें हाई एस्टेरॉयड कैमिकल दे रहे हैं और खूब मुनाफा भी कमा रहा है। थोड़े से पैसों के चक्कर में यह युवाओं के जीवन को खतरे में डाल रहा हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने की आवश्यकता है।
क्या हैं इसके दुष्प्रणाम:
हाई एस्टेरॉयड कैमिकल्स का सेवन इतना खतरनाक है कि यह किडनी, लीवर पर सीधा असर डालता है। यहीं नहीं बल्कि इससे कई बार अटैक जैसी स्थिति भी बन जाती है।
किस तरह किया जा रहा युवाओं को खोखला:
ऐसा प्रकाश में आया है कि कुछ जिम ऐसे हैं जहां जिम के अप्रशिक्षित ट्रेनर युवाओं को जल्दी बॉडी बनाने का लालच देते हैं। इसके लिए फुल्ली एनोबॉलिक हाई एस्टेरॉयड, एनेबॉल, डैनाबॉल, जीएचआर, जीएच, सिंथॉल इंजेक्टिव आदि की मदद से युवाओं के शरीर में ज़हर घोला जा रहा है। ये इंजेक्टिव मसल्स और पेट में लगाए जाते हैं।
नंपुंसक बनने का खतरा:
ये एस्टेरॉयड इतनी खतरनाक हैं कि यह अपने दुष्प्रभाव से नंपुंसक भी बना सकती हैं।
बिना डिग्री और अनुभव के दे रहे ट्रैनिंग:
हापुड़ शहर में छोटे-बड़े लगभग 125 जिम हैं। इन जिमों में कई ऐसे हैं जहां ट्रेनरों के पास कोई डिग्री नहीं है और न ही कोई अनुभव है। यह सभी एक्सरसाइज के साथ-साथ बिना किसी एक्सपर्ट की राय के युवाओं को जहर की ओर धकेल रहे हैं।

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