भाषा के शिक्षण के लिए समर्पण जरूरी

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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): एस0एस0वी0 (पी0जी0) कालेज हापुड़ के अंग्रेजी विभाग में एक सेमीनार का आयोजन डॉ0 रानी तिवारी द्वारा कराया गया।सेमिनार में छात्र -छात्राओं को अंग्रेजी भाषा के अध्यापन तथा भारत में अंग्रेजी भाषा के विषय में जानकारी दी गई । सेमीनार का शुभारम्भ विभागाध्यक्ष डॉ0 आर0के शर्मा ने करते हुए कहा कि अंग्रेजी भाषा के शिक्षण के लिए प्रथम तह भाषा के प्रति समपर्ण तथा भारत में अंग्रेजी भाषा सीखने के पश्चात छात्राें के लिये रोजगार व सेवा मे क्षेत्रों के विषय में बताया। डॉ0 रानी तिवारी ने कहा कि किसी भी भाषा को सीखने व बोलने के लिये उस भाषा के उच्चारण को सुनना भी अत्यन्त आवश्यक है तथा यह उस भाषा के अध्यापक की कुशलता पर भी निर्भर करता है। डॉ0 रूचि अग्रवाल ने कहा कि कार्य करने की योग्यता कार्य को करने से ही आती है अतः भाषा सीखने के लिए भाषा बोलने का प्रयास अत्यन्त आवश्यक है।
भारत में अंग्रेजी भाषा के अध्यापन के लिये विभिन्न प्रकार की पद्धतियों का प्रयोग किया जा रहा है। छात्र व छात्राओं ने शिक्षण प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष माध्यम के विषय सम्बन्धी अपने पत्र प्रस्तुत किये। विवेक तोमर ने अप्रत्यक्ष माध्यम से अंग्रेजी शिक्षण के विषय में बताया। प्रीति ने कहा कि अप्रत्यक्ष माध्यम (हिन्दी माध्यम) के लिये प्राध्यापक का दोंनो भाषाओं पर अधिकार होना आवश्यक है। श्वेता ने अपने पत्र में बताया उ0प्र0 जैसे हिन्दी भाषी राज्य में प्रत्यक्ष माध्यम (अंग्रेजी माध्यम) से ही अंग्रेजी पढ़ाना कठिन है। अमिता ने बताया कि अंग्रेजी भाषा को सीखने के लिये व्याकरण का ज्ञान भी आवश्यक है जबकि वर्तमान में कुछ तथाकथित शिक्षा संस्थान व्याकरण के महत्व को नकारते है। जैनी सिंह ने अपने पत्र में बताया कि अंग्रेजी भाषा का ज्ञान उद्देश्य परख होना चाहिये जिसके अन्तर्गत छात्रों को कुछ परिस्थितियों के आधार पर संवाद बोलने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस सब पद्धतियों का मुख्याधार भाषा के महत्व को प्रदर्शित करना तथा उसका ज्ञान प्राप्त करना है। गोष्ठी में सुष्मिता कौशिक, देवेन्द्री गौण तथा एम.ए.प्रथम व तृतीय सेमेस्टर के सभी छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 सतीश कुमार ने इस आयोजन के लिए अंग्रेजी विभाग की सराहना की तथा छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।