जीवन जीने की कला सिखाती है श्री राम कथा: रोहित रीछारिया जी महाराज

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जीवन जीने की कला सिखाती है श्री राम कथा: रोहित रीछारिया जी महाराज

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ की दिल्ली रोड पर स्थित दिव्य धाम श्री बालाजी मंदिर प्रांगण में चल रही भव्य श्री राम कथा के द्वितीय दिन बागेश्वर धाम से पधारे कथा व्यास आचार्य रोहित रिछारिया जी ने बताया कि रामचरित्र जीवन जीने की कला सिखाती है। भाई के प्रति क्या मर्यादा हो? माता-पिता के प्रति क्या मर्यादा हो? गुरुजनों के प्रति क्या व्यवहार हो? यह सब राम जी के चरित्र से सीखने को मिलता है। इसलिए राम चरित्र जीवन जीने की कला सिखाती है। गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज द्वारा लिखित रामचरितमानस में प्रत्येक समस्या का समाधान है। जीवन की सभी समस्याओं का समाधान श्री रामचरितमानस में है और हनुमान जी के मंदिर में जो जैसी श्रद्धा लेकर आता है। हनुमान जी उसके अनुसार उसको फल देते हैं। हनुमान जी कोई अलग नहीं है जिस प्रकार से बागेश्वर धाम में या मेहंदीपुर बालाजी में लोग अपनी श्रद्धा लेकर जाते हैं। हनुमान जी पूरी करते हैं। ठीक उसी प्रकार हापुड़ में विराजमान श्री बालाजी सरकार के चरणों में जो जिस भाव से श्रद्धा से अपनी अर्जी लगाता है। हनुमान जी पूरी करते हैं।


दास ने यहां पर आकर अनुभव किया कई लोगों ने बताया कि हनुमान जी महाराज की कृपा से एक नहीं अनेक लोगों के रुके हुए कार्य पूरे हुए हैं। बड़े भाव से सेवा संभाल रहे पूज्य स्वामी अशोकाचार्य् जी महाराज व स्वामी यश्वर्धनाचार्य जी महाराज द्वारा व्यास पीठ का पूजन किया गया। इस अवसर पर व्यापारी लक्ष्मण गोयल मैदा वालों ने अपनी पत्नी अंशु संग व्यास पूजन किया जिन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है जिन्हें प्रभु ने यह अवसर दिया। इस दौरान मंदिर के संस्थापक अशोकाचार्य जी महाराज, दिशा गोयल, प्रिंस गोयल, आरती गोयल, नेहा गोयल, मोहित गोयल, हर्ष शर्मा, उमेश शर्मा, सुशील शर्मा, अरविंद शर्मा, तरुण, परमिन्द्र, पंकज, प्रिंस, योगेंद्र सहित सैकड़ो की संख्या मे भक्तजन उपस्थित रहे।

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