Friday, February 14, 2025
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HomeHapur City News || हापुड़ शहर न्यूज़"नूतन प्रकाश त्यागी के अर्जित खसरे को अनार्जित किया जाना असम्भव": एचपीडीए

“नूतन प्रकाश त्यागी के अर्जित खसरे को अनार्जित किया जाना असम्भव”: एचपीडीए









“नूतन प्रकाश त्यागी के अर्जित खसरे को अनार्जित किया जाना असम्भव”: एचपीडीए

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के बाहर धरने पर बैठे किसान नूतन त्यागी से प्राधिकरण के अधिकारी ने मुलाकात की। मामले में एक प्रेस विज्ञप्ति भी प्राधिकरण द्वारा जारी की गई है।

किसान नूतन प्रकाश त्यागी पुत्र परमानन्द त्यागी निवासी ग्राम चमरी द्वारा आनन्द विहार योजना में अर्जित खसरा सं० 702 की भूमि को अर्जन मुक्त किये जाने की मांग करते हुए हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण, हापुड़ के कार्यालय के बाहर छह जनवरी से कमिक अनशन प्रारम्भ किया गया है।

इस संबंध में अवगत कराना है कि प्राधिकरण की आनन्द विहार आवासीय योजना हेतु ग्राम-चमरी, सबली, अच्छेजा की कुल 181.308 है० भूमि का अर्जन नियमानुसार अर्जन किया गया है, जिसकी धारा-4(1)/17, भूमि अध्याप्ति अधिनियम 1984 के अंतर्गत शासकीय विज्ञप्ति दिनांक 24/11/2005 को तथा धारा-6(1)/17 के अंतर्गत शासकीय विज्ञप्ति दिनांक 13/07/2006 को जारी हुई है। अपर जिलाधिकारी (भू०अ०), सिंचाई, गाजियाबाद द्वारा प्रश्नगत भूमि का कब्जा दिनांक 11/07/2008 को विधिवत् हापुड-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के पक्ष में हस्तांतरित किया जा चुका है।

खसरा सं० 669 व 670 के कुल क्षेत्रफल 1.024 हैक्टेयर में से नूतन प्रकाश त्यागी के हिस्से की 1/4 भूमि आपसी सहमति के आधार पर अर्जित की गई जिसका प्रतिकर दिनांक 24/07/2008 को अंकन रू0 47,23,200 नूतन प्रकाश त्यागी द्वारा प्राप्त किया जा चुका है तथा इसके सापेक्ष 06 प्रतिशत विकसित आवासीय भूखण्ड संख्या- ए-97 क्षेत्रफल 112.50 वर्ग मी० तथा भूखण्ड संख्या एल-957 क्षेत्रफल 296 वर्ग मीटर का आवंटन प्राधिकरण द्वारा किया गया, जिनका रजिस्ट्री उपरान्त कब्जा नूतन प्रकाश त्यागी द्वारा प्राप्त किया जा चुका है।

खसरा सं० 702 के कुल क्षेत्रफल 1.3949 हैक्टेयर में से हिस्से अनुसार नूतन प्रकाश त्यागी के हिस्से की 3163.24 वर्ग मीटर भूमि अर्जित की गई है। इसका प्रतिकर अंकन रू0 23,53,414 नूतन प्रकाश त्यागी द्वारा दिनांक 15/12/2022 को प्राप्त किया जा चुका है। यह भूमि आपसी समझौते में सम्मिलित न होने के कारण 06 प्रतिशत विकसित आवासीय भूखण्ड नहीं दिया जाना है।

यह भी उल्लेखनीय है कि आनन्द विहार योजना से संबंधित कतिपय कृषकों एवं भवन स्वामियों द्वारा भवन बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया है तथा कुछ खसरा नम्बरान की भूमि को अर्जन मुक्त किये हेतु मा० उच्च न्यायालय, इलाहाबाद में रिट याचिका संख्या 52331/2016 योजित की गई है, जो वर्तमान में विचाराधीन है। इस रिट याचिका में कम सं० 18 पर नूतन प्रकाश त्यागी की खसरा सं० 702 की भूमि भी सम्मिलित है।

इसके अतिरिक्त खसरा सं० 607 की 0.8810 हैक्टेयर भूमि, जिसमें नूतन प्रकाश त्यागी 1/4 के हिस्सेदार हैं, भी आनन्द विहार योजना हेतु अर्जित की गई है।

उपरोक्त समस्त भूमि राजस्व अभिलेखों में हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के नाम दर्ज है तथा इस भूमि के सापेक्ष प्रतिकर की धनराशि पूर्व में ही अपर जिलाधिकारी (भू०अ०), सिंचाई, गाजियाबाद कार्यालय में जमा कराई जा चुकी है। उक्त भूमि प्राधिकरण की अर्जित व कब्जा प्राप्त भूमि है, जिस पर अन्य कोई कार्यवाही किया जाना सम्भव नहीं है।

यह भी अवगत कराना है कि उक्त योजना में दिल्ली-गढ़ रोड़ से सटे हुए भाग में बने कतिपय प्रतिष्ठानों/भवनों के सम्बन्ध में भवन बचाओ संघर्ष समिति द्वारा की जा रही मांग के कम में इस प्रकरण में प्राधिकरण की 56वीं बोर्ड बैठक दिनांक 19/06/2018 में यह निर्णय लिया गया कि-

“स्थल पर निर्मित भवनों / प्रतिष्ठानों के विनियमितीकरण हेतु उनके क्षेत्रफल के 70 प्रतिशत के बराबर क्षेत्रफल का नियमित आकार का भूखण्ड यथासम्भव उसी स्थान पर आवंटित कर दिया जाये। आनन्द विहार योजना की वर्तमान व्यवसायिक दर रू0 19000 प्रति वर्ग मी० है, अतः आवंटित की जाने वाली भूमि का भू-उपयोग व्यवसायिक रखते हुए एकमुश्त धनराशि रू0 19000 प्रति वर्ग मी० की दर से लेकर लीज डीड/आवंटन की कार्यवाही की जाये। इस निर्णय पर शासन का अनुमोदन भी प्राप्त कर लिया जाये।”

प्राधिकरण बोर्ड के उपरोक्त निर्णय एवं भवन बचाओ संघर्ष समिति द्वारा किये गये अनुरोध के कम में शासन द्वारा बैठक दिनांक 22/06/2021 में निम्न निर्देश प्रदान किये गये-

“बैठक में सम्यक विचारोपरान्त तथा उपलब्ध कराये गये तथ्यों के आलोक में यह मत स्थिर किया गया कि प्रश्नगत भूमि हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की विधिवत अर्जित एवं कब्जा प्राप्त भूमि होने के कारण भूमि के समायोजन हेतु किये गये अनुरोध के संबंध में शासन स्तर पर कोई नीति निर्धारित किया जाना उचित नहीं है। अतः आनन्द विहार आवासीय योजना के अन्तर्गत स्थित प्रकरण भूखण्डों के समायोजन हेतु किये गये अनुरोध के संबंध में पात्रता का परीक्षण कर भूखण्डों के क्षेत्रफल की अधिकतम सीमा का निर्धारण अपने स्तर से करते हुए प्राधिकरण बोर्ड द्वारा प्रश्नगत भूमि के आवंटन हेतु निर्धारित की गई दर के आधार पर समायोजन/आवंटन की कार्यवाही कर प्रकरण का निस्तारण किया जाये। साथ ही आनन्द विहार आवासीय योजना के अवरूद्ध मार्गों के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।”

शासन के निर्देशानुपालन में प्रकरण को पुनः प्राधिकरण की 64 वीं, 65वीं एवं 66वीं बोर्ड बैठक में विचारार्थ रखा गया। प्राधिकरण की 66वीं बोर्ड बैठक दिनांक 22/09/2022 में बोर्ड द्वारा विचार-विमर्श के उपरान्त भवन बचाओ संघर्ष समिति की मांगों के सम्बन्ध में निर्णय लिया गया कि “प्राधिकरण की योजना हेतु अर्जित भूमि को इस स्तर पर अर्जन मुक्त किया जाना सम्भव नहीं है। अर्जित भूमि को अनार्जित किये जाने हेतु पुनर्विचार किये जाने का कोई प्राविधान नहीं है। इसी प्रकार पूर्व में निर्धारित एवं शासन स्तर से अनुमोदित दर रू0 19000/- प्रति वर्ग मी० के पुनरीक्षण का भी कोई औचित्य नहीं है।”

उपरोक्त बोर्ड बैठकों में नूतन प्रकाश त्यागी स्वयं उपस्थित थे। नूतन प्रकाश त्यागी को प्रकरण में पूर्व में प्रेषित पत्रों द्वारा सारी स्थिति से अवगत भी कराया जा चुका है तथा पूरे तथ्यों से भिज्ञ होने के बावजूद इनके द्वारा बार-बार इस प्रकार की धमकी दी जाती रही हैं एवं धरना दिया जाता रहा है जबकि नूतन प्रकाश त्यागी को मा० प्राधिकरण बोर्ड द्वारा भी सुना जा चुका है एवं नूतन त्यागी प्राधिकरण बोर्ड के निर्णय से भिज्ञ भी हैं। फिर भी इनके द्वारा अपने अर्जित भूमि को अर्जन मुक्त किये जाने या वर्तमान दर पर मुआवजे की मांग की जाती रही है। इनके द्वारा उ०प्र० मानव अधिकार आयोग लखनऊ में केस सख्या 34309(37) 2023-24 आर०ई०पी० व 3763 (14) 2023-24 योजित किये गये हैं, जिनमें उ०प्र० मानव अधिकार आयोग लखनऊ द्वारा पारित आदेश दिनांक 03/12/2024 प्राधिकरण के पक्ष में निर्णीत किया जा चुका है।

नूतन प्रकाश त्यागी के अर्जित खसरे को अनार्जित किया जाना सम्भव नहीं है तथा उक्त खसरे पर इनके अवस्थित प्रतिष्ठान / भवन के सम्बन्ध में कार्यवाही अन्य सहखातेदारों समेत सामूहिक रूप से किया जाना है, जिसका निस्तारण सामान्य रूप से एवं शासनादेशों के परिप्रेक्ष्य में नियमानुसार होना है। नूतन प्रकाश त्यागी के संबंध में अलग से कोई कार्यवाही अपेक्षित नहीं है।

चूंकि प्रकरण मा० उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, अतः प्रकरण के निस्तारण के संबंध में कोई टिप्पणी किया जाना उचित नहीं है। यह जानकारी प्राधिकरण द्वारा उपलब्ध कराई गई है।

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