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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में धड़ल्ले से बालू रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। गढ़ गंगा मेला मार्ग किनारे वन विभाग के जंगल से रेत का अवैध खनन जोरों पर है जिसकी वजह से आसपास के सैकड़ों पेड़ों के गिरने का खतरा भी मंडरा रहा है। वन विभाग की कार्रवाई छापामारी तक ही सीमित दिखाई पड़ रही है। अवैध खनन करने वाले माफिया अभी भी वन विभाग व पुलिस की रडार से दूर हैं।

खादर मेला मार्ग पर मस्तराम कुटी के सामने कई बीघा जंगल है जिसमें विभिन्न प्रजातियों के सैकड़ों हरे-भरे पेड़ भी खड़े हुए हैं। जंगल वन विभाग की निजी धरोहर होने के साथ ही पिकनिक स्पॉट के रूप में भी जाना जाता है लेकिन यहां पिछले कुछ समय से अवैध खनन को अंजाम देने के लिए माफिया सक्रिय हैं जिनकी शह पर ही यहां बग्गी की मदद से अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है। एक बग्गी बालू का खनन करने पर 500 रुपए तक मिल जाता है जिसे आगे खनन माफिया अपने दामों पर बेच देते हैं।
दिन ढलते ही जंगल में बालू का खनन चालू होता है। सूरज उगने से पहले ही अवैध खनन को अंजाम देने वाले वापस लौट जाते हैं। विभाग की लापरवाही के कारण अवैध खनन हो रहा है। वन विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई भी की थी। बालू से भारी तीन बग्गीयों को कब्जे में लिया है लेकिन यह आंकड़ा सिर्फ तीन ही नहीं बल्कि काफी बड़ा है। बड़ी मछलियां विभाग की रडार से दूर है।
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