हापुड़ में बनता व बिकता है डुप्लीकेट माल, कीटनाशक, दवाएं, डिग्रियां, कैपेसिटर, सिगरेट, एमप्लीफायर, किताबें व आभूषण का अवैध धंधा

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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ डुप्लीकेट और नकली माल बेचने तथा बनाने का अड्डा बन चुका है। जनपद हापुड़ के विभिन्न क्षेत्रों से डुप्लीकेट सिगरेट, फर्जी मार्कशीट, डुप्लीकेट कीटनाशक, नकली विद्युत उपकरण, डुप्लीकेट इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम बेचे जा रहे हैं। दिन पर दिन लगातार मामले का पर्दाफाश हो रहा है लेकिन डुप्लीकेट माल बेचने वाले बाज आने को तैयार नहीं है। आई डालते हैं इस वर्ष हुई अभी तक की कार्रवाई पर एक नजर:-

बन रहा था डुप्लीकेट कीटनाशक:

दो दिन पहले हापुड़ के दोयमी के पास स्थित दो मंजिला एक मकान में डुप्लीकेट कीटनाशक बनाने के उपकरण भी बरामद हुए थे। जहां से नामी कंपनियों के कट्टे भी बरामद हुए थे। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गांधी गांधी निवासी पियूष बंसल पुत्र विनोद बंसल तथा मेरठ के धीरखेड़ा गांव के सिद्धांत कसाना पुत्र शीशराम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

नकली दवाएं बेचने पर हुई थी मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई:

जनपद हापुड़ के पिलखुवा क्षेत्र में तीन मेडिकल स्टोरों पर छापामार कार्रवाई हुई थी जिसमें नकली दवाइयां को बेचने का मामला सामने आया था। यह कार्रवाई मई 2025 में हुई थी जिसमें पिलखुवा के शिवराज भवन में स्थित आलिया मेडिकल स्टोर, पीपला बंदपुर रोड पर मौजूद डूहरी पेट्रोल पंप के सामने स्थित आलिया मेडिकल स्टोर, पिपलाबंद पुर रोड पर जीएस अस्पताल के सामने स्थित गोपाल मेडिकल स्टोर पर छापामार कार्रवाई कर नशीली और नशीली दवाइयों को बरामद किया था जो विभिन्न इलाकों में सप्लाई की जा रही थी। मामले में इमरान सैफी पुत्र सहबुद्दीन सैफी निवासी गांव देहपा, गोपाल पुत्र रोहतास निवासी मोहल्ला रामपुर थाना पिलखुवा, कादिर पुत्र हमीद निवासी गांव सिखेड़ा पिलखुवा, चाँद पुत्र रियाज निवासी मसूरी डासना को गिरफ्तार किया था।

मनोड विश्वविद्यालय का नाम सबसे पहले:

मोनाड यूनिवर्सिटी तो इन दिनों चर्चाओं में है। मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन समेत कई लोगों पर फर्जी डिग्रियां तथा मार्कशीट बनाकर बेचने का आरोप है जिसकी जांच हो रही है। परत दर परत खुलती जा रही है।

हापुड़ में बन रहे थे हैवेल्स कंपनी के डुप्लीकेट कैपेसिटर:

मई 2025 में हापुड़ के गांव बदनौली में हैवेल्स कंपनी के डुप्लीकेट कैपेसिटर बनाने का मामला सामने आया था। जीजा अपने सालों के साथ मिलकर यह धंधा कर रहा था। 90 लाख का माल बरामद हुआ था। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मुकदमा भी दर्ज किया था। जेकेएस एंटरप्राइजेज नाम की फर्म में डुप्लीकेट कैपेसिटर बनाए जा रहे थे। हैवेल्स कंपनी के पदाधिकारी राजू सक्सेना की तहरीर के आधार पर सचिन, कपिल और उनके जीजा जयवीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। सचिन के घर गांव बदनौली में डुप्लीकेट माल बनता था।

गांधी बाज़ार पिलखुवा से पकड़ी थी ढाई लाख की नकली सिगरेट:

पिलखुवा के गांधी बाजार में आईटीसी कंपनी की टीम ने पुलिस के साथ एक व्यापारी के प्रतिष्ठान पर छापामार कार्रवाई की तो टीम ने विजय कुमार गर्ग पुत्र रामावतार के यहां से ढाई लाख रुपए कीमत की करीब 89 बॉक्स नकली सिगरेट बरामद की थी। मामले में सचिन बंसल का नाम भी सामने आया था जो अभी तक गिरफ्तार नहीं हो सका है। विभिन्न क्षेत्र में डुप्लीकेट सिगरेट बनाकर बेची जा रही थी। यह कार्रवाई 9 मई को हुई थी।

हिंदुस्तान इलेक्ट्रॉनिक्स हापुड़ के संचालक पर भी हुआ था मुकदमा दर्ज:

डुप्लीकेट माल बनाने व बेचने का सिलसिला यहीं तक नहीं है बल्कि इसी वर्ष की शुरुआत में 7 जनवरी के आसपास डुप्लीकेट इलेक्ट्रॉनिक आइटम बेचने के मामले में हापुड़ के अतरपुरा चौपला के पास स्थित हिंदुस्तान इलेक्ट्रॉनिक्स के संचालक 35 वर्षीय जसप्रीत सिंह पुत्र महेंद्र सिंह निवासी शिवपुरी हापुड़ के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया था। दुकानदार के यहां से छह एमप्लीफायर के नकली बॉक्स मिले थे जोकि जांच में डुप्लीकेट पाए गए थे जिसके बाद यह कार्रवाई की गई थी। जसप्रीत को गिरफ्तार भी किया था।

महाराष्ट्र की पुलिस ने सर्राफ को भी दबोचा था:

हापुड़ की कोठी गेट पर स्थित सर्राफ की दुकान में महाराष्ट्र की पुलिस ने छापा मार कार्रवाई कर नकली आभूषण बेचने के मामले में सर्राफ सचिन कुमार कश्यप को सात जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया था जिस पर आरोप है कि उसने 14 लोगों को असली सोना बता कर नकली गहने बेच दिए थे। गहने गिरवी रखकर लोगों ने 80 लाख का लोन लिया था। मामले की जांच महाराष्ट्र के सोलापुर सिटी से आई  EOW ने की थी। आरोपी सर्राफ को पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ महाराष्ट्र ले गई थी।

NCERT समेत कई नामचीन पब्लिकेशन की डुप्लीकेट किताबें हुई थी बरामद:

जनपद हापुड़ के धौलाना क्षेत्र के गांव पिपलेड़ा में स्थित एक प्रिंटिंग प्रेस से नामचीन पब्लिकेशन की डुप्लीकेट किताबों को पांच जनवरी 2025 को बरामद किया गया था। औद्योगिक क्षेत्र स्थित यूपीएसआईडीसी के गांव पिपलेड़ा की फ्रेंड्स कॉलोनी में संचालित प्रिंटिंग प्रेस में छापामार कार्रवाई कर एनसीईआरटी समेत अन्य नामचीन पब्लिकेशन के नाम पर छापी जा रही डुप्लीकेट किताबों को पकड़ा गया था जिसके बाद फैक्ट्री संचालक महबूब अली के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। फैक्ट्री से 50 लाख की 40 हजार किताबें बरामद हुई थी।

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