बीएसए दफ्तर, जहां रिश्वत की होती है बंदरबाट
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ का बेसिक शिक्षा अधिकारी का दफ्तर भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बना है, जहां रिश्वतखोरी के पैसों की बंदरबाट की जाती है। यह भेद खुला है दो लिपिकों के 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद। आइए, पाठकों को पहले दोनों रिश्वतखोर लिपिकों के परिचय से अवगत करा देते है।
निखिल शर्मा- सहायक लेखाकार (संविदा कर्मी) बीएसए दफ्तर हापुड़। निवासी गांव भगवानपुर थाना सिम्भावली जनपद हापुड़।
दीपेंद्र शर्मा- कनिष्ठ सहायक बीएसए कार्यालय हापुड़ ये दोनों बाबू ही एंटी करैप्शन टीम द्वारा 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़े गए है। यह रिश्वत पिलखुवा के एक स्कूल के नवीनीकरण के बदले में ली गई थी। पुलिस रिपोर्ट में स्पष्ट रुप से कहा गया है कि प्रीटैप जांच आख्या में जांच अधिकारी ने अंकित किया है कि उक्त दोनों भ्रष्ट लोक सेवक है, जो बीएसए दफ्तर हापुड़ में लिपिक के पद पर तैनात है जिनकी आम शोहरत यह है कि वह रिश्वत लिए बिना किसी का कोई कार्य नहीं करते है।
ऐसे लिखी गई रिश्वत की पटकथा- हापुड़ के बेसिक शिक्षा अधिकारी रितु तोमर ने दीपेंद्र शर्मा के साथ 19 अप्रैल को पिलखुवा के एक स्कूल का निरीक्षण किया। इसके बाद 23 अप्रैल को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात बाबू कपिल कुमार ने शिकायतकर्ता को मोबाइल पर कहा कि आप बीएसए दफ्तर जाकर दीपेंद्र शर्मा से मिलो। शिकायतकर्ता दीपेंद्र से मिले और फिर शुरु हुई रिश्वतखोरी की कहानी। कहानी का अंत उक्त दोनों बाबूओं की गिरफ्तारी के बाद हुआ।
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