हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ की कॉलोनी ऑल्ड शिवपुरी निवासी मनोहर लाल की इच्छा थी कि उनके निधन के बाद उनके नेत्र दान किए जाए जिससे उनकी आंखे किसी के जीवन का उजाला बन सके। मनोहर ने अपने जीवनकाल में समाज की सेवा की और समाजसेवी के रुप में जाने गए जिन्होंने मरने के पश्चात भी नेत्रदान कर सभी के सामने एक मिसाल कायम की है। बता दें कि 76 वर्षीय मनोहर लाल पिछले लगभग एक साल से बीमारी से पीड़ित थे जिन्होंने बुधवार की सुबह करीब साढ़े छह बजे दम तोड़ दिया जिससे परिवार शोक में डूब गया। मनोहर लाल की अंतिम इच्छा थी कि मरने के बाद उनकी आंखे किसी के काम आजाए। परिजनों ने उनकी इच्छा को पूरा किया जहां मेरठ से आई चिकित्सकों की टीम ने प्रक्रिया को पूरा किया।
बता दें कि पंसारी मनोहर लाल पुत्र भेलोनाथ की हापुड़ की रेलवे रोड पर दुकान है जहां वह पिछले लगभग छह महीने से अस्वस्थ होने के कारण दुकान पर नहीं बैठ रहे थे। मनोहर के चार पुत्र हैं जबकि उनकी पत्नी का साल 2012 में निधन हो चुका है। परिजनों ने बताया कि मनोहर ने बुधवार की सुबह करीब साढ़े छह बजे आवास पर ही अंतिम सांसे ली। परिजनों ने बताया कि उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी आंखे किसी जरूरतमंद व्यक्ति के अंधकारमय जीवन में प्रकाश ला सके जिसके पश्चात नेत्र दान किए। कहा जाता है कि नेत्रदान जैसा कोई दान नहीं है जिन्होंने मृत्यु के बाद नेत्रदान करने और जरूरतमंदों को दृष्टि का उपहार देने के नेक काम में जीते जी सभी से भाग लेने की अपील की थी।