मोनाड विश्वविद्यालय में इस्तेमाल हुई बेनामी रकम प्रबंध तंत्र के लिए नई मुसीबत

0
225








मोनाड विश्वविद्यालय में इस्तेमाल हुई बेनामी रकम प्रबंध तंत्र के लिए नई मुसीबत

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी की फर्जी अंक तालिका व डिग्री प्रकरण की पुलिस व एसटीएफ की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ही नई परतें खुल रही है, जो मोनाड विश्वविद्यालय के मौजूदा व पूर्व प्रबंध तंत्र के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है। नई परत में यह तथ्य सामने आया है कि मोनाड विश्वविद्यालय के मालिकाना हक के हस्तांतरण के वक्त एक बड़ी बेनामी रकम का लेन-देन हुआ है, बाद में बेनामी रकम निवेश रीयल एस्टेट, प्रोपर्टी तथा अन्य शैक्षाणिक संस्थानों व कई प्रौजेक्ट में किया गया है। अब इस जांच में प्रवर्तन निदेशालय के आ कूदने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) भी संचालकों पर लग सकता है। आम भाषा में इस एक्ट का अर्थ है कि दो नम्बर के पैसे को हेरफेर से ठिकाने लगाने वालों के खिलाफ कानून। बेनामी रकम पर आयकर विभाग भी आयकर वसूल सकता है। मोनाड विश्वविद्यालय के निर्माण व मालिकाना हक के हस्तांतरण में तथा अन्य प्रोजेक्ट में निवेश की गई बेनामी रकम पूर्व व वर्तमान प्रबंध तंत्र के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर सकता है।

इलाके के छात्रों को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कुछ लोगों ने मिलकर मोनाड विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष-2010 में की थी, पता नहीं किस कारण से मोनाड शुरू से ही विवाद में रही और वर्ष-2014 में छात्रवृत्ति घोटाले के रूप में सामने आया। उत्तराखंड के भीमताल थोन में 26-09-2019 को करीब 21 लाख रुपए की छात्रवृति हड़पने के आरोप में सामने आया और तत्कालीन प्रबंधतंत्र के तीन लोग, एक मैनेजर तथा रिटायर्ड बैंक अफसर को जेल जाना पड़ा। प्रबंध तंत्र घोटाले का पैसा जमा करके जेल से जमानत पर बाहर आया। अन्य प्रान्तों में हुए फर्जी डिग्री घोटाले में भी हापुड़ का नाम मीडिया जगत में गूंज चुका है।

शिक्षा जगत में मोनाड विश्वविद्यालय को लेकर होने वाली चर्चाओं से खफा प्रबंध तंत्र ने स्वयं को अलग कर लिया और फर्जी डिग्री फर्जी अंक तालिका के आरोप में जेल गए मुख्य आरोपी विजेन्द्र सिंह ने खरीद लिया। मोनाड विश्वविद्यालय के मालिकाना हक के हस्तांतरण में अरबों रुपए का लेने-देन हुआ है, जिसका बहुत बड़ा हिस्सा बेनामी रकम (कालाधन) है।

एसटीएफ व पुलिस सभी पहलुओं को जांच में शामिल कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय व आयकर विभाग इस प्रकरण में जांच शुरू करता है, तो पूर्व व वर्तमान प्रबंध तंत्र के लिए एक नई मुसीबत होगी और यह आर्थिक अपराध साबित होगा।

मात्र एक रुपए में लोन करा कर घर ले जाओ AC, फ्रिज, वाशिंग मशीन: 9536777474





LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here