हापुड़, सीमन (ehapurnews.com) : हापुड़, स्थानीय आर्य समाज में चल रही ऋषि बोध उत्सव के चौथे दिन बदायूँ से पधारे अंतर्राष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा “वेदों में नारी जाति का बहुत ऊंचा स्थान है, वेद स्त्री और पुरुष में भेद नहीं करता! वेदों में स्त्री और पुरुष दोनों को ही वेद पढ़ने का यज्ञ करने व कराने का अधिकार है! स्त्री को गृहस्थ की ब्रह्मा कहा गया है। सनातन वैदिक धर्म में कहा गया है जिस घर में नारियों की पूजा होती है अर्थात सम्मान होता है वहां देवता रमण करते हैं अर्थात सब प्रकार के सुख होते हैं जो लोग भी नारी को अपनी खेती समझते हैं बुर्का नकाब घुंघट में बंद रखते हैं वे नारी जाति का अपमान करते हैं। आधी दुनिया को मिलकर इसके लिए आगे आना चाहिए । मंत्री अनुपम आर्य ने कहा महर्षि दयानंद ने नारी जाति के उद्धार के लिए आंदोलन चलाया उन्होंने नारी जाति के लिए गुरुकुल खुलवाएं। इससे पूर्व पुरोहित धर्मेंद्र शास्त्री ने यज्ञ कराया। इस अवसर पर बरेली से पधारे पंडित मुकेश आर्य ने सुंदर भजन सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध किया। इस अवसर पर गायत्री मंत्र सुनाने वाले बच्चों को आचार्य संजीव रूप में सम्मानित किया।कार्यक्रम में आर्य परिवार की बहुओं को वैदिक साहित्य वितरण किया गया।कार्यक्रम में महिला प्रधान शशि सिंघल,मंत्री पुष्पा आर्या,बीना आर्या,लविता गोयल,रेखा गोयल,माया आर्या,बीना गुप्ता,सोनू शर्मा,आदि भारी संख्या में आर्यजन उपस्थित रहे।
