बालिकाओ ने आत्मरक्षा के तकनीकी पहलुओं का प्रदर्शन किया
हापुड, सीमन (ehapurnews.com): सिम्भावली ब्लॉक के अन्तर्गत कंपोजिट विद्यालय कनिया कल्याणपुर हापुड़ में वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई आत्म रक्षा प्रशिक्षण शिविर का समापन दीप प्रज्वलन और स्वागत गीत से किया गया। खंड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार, जिला समन्वयक अमित शर्मा, एआरपी परवीन कुमार लिपिक निखिल शर्मा व प्रशिक्षिक मनप्रीत खैरा नेशबालिकाओं को प्रमाण पत्र वितरित किये। खंड शिक्षा अधिकारी सर्वेश कुमार ने कहा कि कक्षा छ: से आठवीं तक की बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाया जा रहा है। रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के तहत जूडो-कराटे में निपुण बन बालिकाएं आत्मरक्षा को तैयार हो रहीं हैं। ज़िला व्यायाम शिक्षक मनप्रीत खैरा ने बताया कि वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा योजना के तहत प्रशिक्षण दिया गया। बालिकाओं ने आत्मरक्षा के विभिन्न तकनीकी पहलुओं का प्रभावी प्रदर्शन किया। इसके साथ ही, महिलाओं की सुरक्षा और हेल्पलाइन नंबरों के सही उपयोग पर आधारित नाटकों का भी मंचन किया गया। बालिकाएँ व महिलाएं अपनी आत्मरक्षा किट स्वयं बनाएं। बाहर जाते समय सावधानियों के साथ-साथ बालिकाओं व महिलाओं को अपने बैग में अथवा अपने पास कुछ ऐसी वस्तुओं को जरूर रखना चाहिए जिसका वह जरूरत पड़ने पर आत्मरक्षा के लिए प्रयोग कर सकें, इसके लिए वह स्वयं अपनी आत्मरक्षा किट बना सकती हैं। प्रशिक्षक ने आत्मरक्षा, आत्मसुरक्षा और आत्मबल के बारे में जानकारी दी। उन्होंने किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचाव के लिए मानव शरीर के नाजुक अंगों पर प्रहार की विधि को बताया। बच्चों को अपनी हथेली, एल्बो व घुटने का इस्तेमाल कारगर ढंग से हथियार के रूप मे करने का प्रशिक्षण दिया गया। वहीं, छात्राओं ने प्रशिक्षक की देखरेख में अचानक सामने से कलाई, बाल या गर्दन पकड़े जाने की स्थिति में सामने वाले की पकड़ से खुद को मुक्त कराने के साथ ही उस पर हमला करने की तकनीक का भी जमकर अभ्यास करवाया गया। विद्यालयों में सेल्फ डिफेंस कैंप लगाकर बच्चों को आत्मरक्षा, आत्मविश्वास की भावना जगाकर उन्हें मजबूत और सजग बनाने के लिए स्वनिर्भर सुरक्षा अभियान से आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। विद्यार्थियों को बेड टच-गुड टच, सेल्फ डिफेंस में बिना किसी हथियार के अपनी रक्षा कैसे कर सकते हैं और विद्यार्थियों को हैंड पंच, किक आदि के गुर भी सिखाएं जा रहे हैं। इसके साथ-साथ कानूनी जानकारी दी जा रही है। शासन की ओर से बेटियों को यह प्रशिक्षण आत्म सुरक्षा के दृष्टि से दिलाया जा रहा है, ताकि बेटियां सशक्त बन सकें। इस प्रशिक्षण से बालिकाओं के भीतर आत्म बल का विकास होगा। प्रशिक्षण में मार्शल आर्ट प्रशिक्षु बेटियों को जूडो कराटे ताइक्वांडो में पारंगत किया गया, ताकि विपरीत परिस्थितियों में आने पर वह स्वयं मुकाबला कर सकें। बालिकाओं को जरूरी हेल्पलाइन नंबर भी नोट कराए गए। विद्यालय की साहसी बेटियां आत्मरक्षा के गुर सीखकर सशक्त और निर्भीक बन रही हैं बेटियां। बेटियों को तितली नहीं, मधुमक्खी बनाइए, जिनके पास पंख भी हों और डंक भी। शहद जैसी मिठास से भरपूर, किन्तु जरूरत पड़ने पर मुंह सुजा देने की क्षमता रखने वाली बेटियां न केवल खुद की बल्कि समाज की भी रक्षा करने में सक्षम हैं। कार्यक्रम में एसएमसी अध्यक्ष मुकेश कुमार, प्रधानाध्यापक चंद किरण सिंह, गोपाल सिंह, कविता सिंह, बबीता, जगजीत सिंह, मोहम्मद यामिन, चंदन कुमार, हरेंद्र कुमार, शर्मिष्ठा त्यागी, सोहनलता आदि लोग उपस्थित रहे।
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