हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त उपलब्ध कराने की घोषणा को अमल में लाने में जुटी सरकार ने इसे कुछ शर्तों के दायरे में बांधा है। मुफ्त बिजली का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिल सकेगा, जिनका मार्च 2023 से पहले का कोई बकाया नहीं है और यदि बकाया है तो उन्हें इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उसे चुकता करना होगा। सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली की खपत की सीमा भी सरकार ने तय की है। ऊर्जा विभाग और यूपी पावर कारपोरेशन ने इस संबंध में जारी आदेश में स्थिति को स्पष्ट किया है। किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का लाभ एक अप्रैल 2023 से दिया जा रहा है लेकिन उन्हें 31 मार्च 2023 से पहले के सभी बकाया का भुगतान करना होगा। ऊर्जा विभाग ने बकाया चुकाने के तीन विकल्प कृषकों को दिए हैं। पहले विकल्प के तहत एकमुश्त बकाया भुगतान करने पर सौ प्रतिशत ब्याज और विलंब अधिभार में छूट दी जाएगी। वहीं, दूसरे विकल्प के तहत यदि तीन समान किस्तों में बकाया चुकाया जाता है तो ब्याज व विलंब अधिभार में 90 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। तीसरा विकल्प छह किस्तों में बकाया चुकाने का है, इसके तहत ब्याज और अधिभार में 80 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यदि किसान किस्तों में बकाया चुकाने का विकल्प चुनता है और समय पर अदायगी नहीं कर पाता है तो उसे छूट का लाभ नहीं मिलेगा। बकाया भुगतान में छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ताओं को 30 जून तक (uppcl. org पर) रजिस्ट्रेशन करना होगा और पंजीकरण के साथ मूलधन की 30 प्रतिशत धनराशि जमा करनी होगी। बिजली छूट का प्रयोग जिम्मेदारी से करने के लिए बिजली खपत के मानक भी सरकार ने तय किए हैं। इन्हें बुंदेलखंड क्षेत्र और शेष प्रदेश में विभाजित किया गया है।
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