पिलखुवा में जानलेवा लापरवाही चढ़ जाती है समझौतों की भेंट!

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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ की हैंडलूमनगरी पिलखुवा जितनी चादरों के लिए जानी जाती है उससे कहीं ज्यादा फैक्ट्री संचालकों की लापरवाही से पहचानी जाती है। जी हां… यहां कई फैक्ट्री ऐसी हैं जो कि नियमों को ताक पर रखकर चल रही हैं जिनका शिकार भोले भाले मजदूर हो जाते हैं। हाल ही में पिलखुवा की न्यू आर्यनगर में स्थित चादर छपाई की एक फैक्ट्री में दो श्रमिकों की मौत हो गई जिसके बाद पुलिस, प्रदूषण विभाग समेत कई विभागों के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण भी किया लेकिन कुछ खास कार्रवाई देखने को नहीं मिली।
फैक्ट्री अभी भी मानकों के विपरीत चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी फैक्ट्री में कुछ समय पहले भी एक मजदूर, संचालक की लापरवाही की वजह से मौत की नींद सो गया था लेकिन संचालक के खिलाफ आज तक कोई खास कार्रवाई नहीं हुई।
पिलखुवा में कभी चादर फैक्ट्री में श्रमिकों की मौत हो जाती है तो कभी गैंस टैंक में उतरकर दम घुटने की वजह मजदूर मौत की नींद सो जाते हैं। ऐसे में लोगों की जान का सौदा फैसलों और समझौतों की भेंट चढ़ जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि कुछ लापरवाह अधिकारियों के चलते यह हादसे हो रहे हैं। यदि प्रशासन कड़ा कदम उठाए तो बेवजह होने वाली इन मौतों पर विराम लग सकता है।
पिलखुवा में कई फैक्ट्री ऐसी हैं जो कि प्रदूषण बोर्ड, फायर विभाग, एनजीटी, विद्युत विभाग आदि के दिशा-निर्देशों को अंदेखा कर चल रही हैं। यहां अधिकारी भी आंखें मूंदे बैठे हैं। अधिकांश फैक्ट्रियों में तो सेफ्टी इक्विपमेंटस ही नहीं हैं जिसकी वजह से श्रमिक यहां अपनी जान गंवा रहे हैं।




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