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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com) : प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत गंगा नदी में मत्स्य संरक्षण हेतु मत्स्य बीज संजय कार्यक्रम में मत्स्य बीज बृजघाट गंगा नदी में छोड़ा जाना प्रस्तावित था, परंतु जनपद हापुड़ के मत्स्य पालक विकास अभिकरण ने मत्स्य बीज खरीदने व गंगा में प्रवाहित करने में एक भी मानक का पालन नहीं किया है, जिसमें घोटाले की बदबू आ रही है।
जनपद के मत्स्य पालक विकास अभिकरण ने गंगानदी में मत्स्य बीज छोड़ने के लिए गढ़मुक्तेश्वर के विधायक हरेंद्र मलिक को आमंत्रित किया और 29 सितम्बर को विभाग नें बृजघाट गंगा नदी में विधायक हरेंद्र मलिक के हाथों से मत्स्य बीज गंगा में प्रवाहित कराएं। ये मत्स्य बीज एक भी मानक पूरे नहीं करता था। मानकों में मत्स्य बीज का साइज व संख्या शामिल है। खास बात यह है कि जब विभाग ने 29 सितम्बर तक मत्स्य खरीद के लिए टेंडर नही मांगे थे तो मत्स्य बीज आए कहां से।
जब सिलसिले में हो हल्ला मचा तो जनपद हापुड़ के मत्स्य पालक विकास अभिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने 30 सितम्बर को क्षेत्रीय समाचार पत्र में एक विज्ञापन प्रकाशित कराया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत 1.25 लाख मत्स्य बीज की आवश्यकता है जिसके टेंडर 14 अक्तूबर को खोले जाएंगे।
जब विभाग ने मतस्य बीज खरीदे ही नहीं तो 29 सितम्बर को गंगा नदी में विधायक के हाथों मत्स्य बीज कहां से लाकर प्रवाहित कराए गए। स्पष्ट नजर आ रहा है कि बृजघाट गंगा नदी में मत्स्य बीज पहले छोड़े गए और मत्स्य बीज खरीद हेतु टेंडर बाद में हुए। प्रकृति प्रेमियों ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है।
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