हापुड़ में जहरीले देशी घी व दूध की आई बाढ़
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): दीपावली पर्व पर हापुड़ में बिकने वाले दूध व देशी घी का सेवन किसी खतरे से कम नहीं है, क्योंकि सिंथेटिक दूध व देशी घी को असली बनाने में रसायनों का प्रयोग हो रहा है।
हापुड़ में विभिन्न ब्रांडों के नाम से, तेलों के मिक्चर को रसायनों से मिला कर तैयार देशी घी को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। जो खाने योग्य नहीं है। इन ब्रांडों पर अंकित गाय व भैंसा का चित्र उपभोक्ता को भ्रमित कर रहा है और उपभोक्ता गाय व भैंस का असली घी समझ कर खरीद कर खा रहा है जबकि गाय-भैंस का चित्र प्रकाशित या अंकित करना खाद्य सुरक्षा नियमों में वर्जित है। जहरीले देशी घी के निर्माताओं व विक्रेताओं ने एक और तरकीब निकाल रखी है उस पर लिखा है केवल पूजा के लिए। कोई भला इनसे पूछे कि जब कोई चीज खाने योग्य नहीं तो पूजा के लिए कैसे योग्य हो सकती है। इन ब्रांडों के पैक आधा किलो में भी उपलब्ध है।
खाद्य सुरक्षा टीम ने गत दिनों नंदन प्रीमियम देशी व राधे-राधे देशी घी के नमूने लिए और करीब दस लाख रुपए के घी को सीज किया गया। नागरिकों ने मांग की है हापुड़ जनपद में बिकने व अन्य ब्रांडों के देशी घी के विरुद्ध भी अभियान चलाया जाए।
हापुड़ जनपद में बिकने वाले दूध की अनेक बार सैम्पलिंग भी हुई और सैम्पल फेल भी हुए है। खाद्य सुरक्षा टीम बड़े ठिकानों पर तो छापा मार कार्रवाई करती है, परंतु गली-मौहल्लों में बैठकर जहर बेच रहे ठिकानों को बख्श रही है। ये छोटे-छोटे ठिकाने ही जहर की बिक्री में सहायक बने है।
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