राशन का चावल खरीदने को आगे आए धंधेबाज
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): अप्रैल माह में उपभोक्ताओं को मुफ्त मिलने वाला चावल व गेहूं राशन डिपुओं वितरित होने लगा, तो दूसरी ओर राशन का चावल खरीदने के लिए गैंग भी तैयार हो गया है और गैंग लीडर ने राशन के चावल का भाव 27 रुपए निकाला है, यानि कि गैंग का कोई भी सदस्य इससे अधिक मूल्य पर चावल नहीं खरीदेगा। राशन के चावल के गैंग के सदस्य मंडी पक्काबाग व भगवती गंज में बैठे है। मुनाफे का धंधा होने के कारण नए लोग भी इस धंधे में जुड़ रहे है। धंधेबाजों के गोदाम पक्काबाग, भगवती गंज, जरौठी रोड, श्यामपुर रोड तथा नवीन मंडी स्थल पर है। हापुड़ खपत की मंडी होने के कारण जनपद अमरोहा, बुलंदशहर, मेरठ के शहरी व ग्रामीण इलाकों का चावल भी हापुड़ पहुंच रहा है। राशन का चावल मुख्य रुप से चटाई, मंत्री, योगेश, हैप्पी, केशव आदि बेखौंफ होकर खरीद रहे है।
पुराने जख्म भी हरे हुएः
राशन के चावल के धंधे से जुड़े अनेक धंधेबाजों के विरुद्ध मुकद्दमें भी दर्ज है, जो आज भी न्यायालयों में चल रहे है। धंधेबाजों ने डर के मारे पकड़े गए चावल पर आज तक अपना हक नहीं जताया है, ऐसे धंधेबाजों की संख्या करीब आधा दर्जन है। खास बात यह है कि इस धंधे में बैनामी रकम का इस्तेमाल हो रहा है। धंधेबाजों ने अथाह धन सम्पदा एकत्र की है और भौतिक संसाधनों से भरपूर लाइफ जी रहे हे।
ऐसे पहुंचता है राशन का चावल ठिकानों परः
राशन का चावल दो तरीकों से धंधेबाजों के ठिकानों पर पहुंचता है और भगवती गंज व पक्काबाग के ठिकानों पर लाइन लग जाती है। प्रथम तो उपभोक्ता राशन डिपो से राशन उठा कर या तो सीधे ठिकाने पर पहुंचता है अथवा समाज के डर से फेरी वाले के माध्यम से पहुंचाता है। दूसरे-राशन डीलर, उपभोक्ता को जो चावल कम देता है, उसे राशन डीलर ठिकाने पर पहुंचाता है।
ये है साधनः
राशन का चावल पलटी करके अन्य वारदाने में भरा जाता है और फिर मयूरी, स्कूटी, ई रिक्शा तथा ठेली आदि से पहुंचता है। गंगा पार, पिलखुवा, गुलावठी आदि स्थानों से रात के समय टाटा-407 के माध्यम से ठिकानों पर पहुंचता है।
यदि जिला प्रशासन, खाद्य विभाग और आयकर विभाग मामले का संज्ञान ले तो राशन के चावल के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया जा सकता है।
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