रिश्वतखोर लेखपाल की सम्पत्ति की जांच हो
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): रिश्वतखोर व भ्रष्टचार चकबंदी लेखपाल नरेन्द्र कुमार गौड़ को जेल भेजने व निलम्बन के बाद, अब उसकी सम्पत्ति की जांच की मांग उठने लगी है।
बताते है कि अवैध तरीके से लाभ कमाते हुए रिश्वतखोर लेखपाल ने अथाह सम्पत्ति का साम्राज्य स्थापित कर रखा है और बेनामी सम्पदा का मालिक है। रिश्तखोरी के आरोप में लेखपाल की रातें जेल में कट रही है।
जिला मुख्यालय स्थित चकबंदी कार्यालय से चकबंदी लेखपाल को किसान से फर्द पर नाम चढ़ाने की एवज में दस हजार की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन की टीम ने शनिवार को रंगे हाथ पकड़ा था। लेखपाल के खिलाफ हापुड़ देहात में मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजा था। अब इस मामले में थाने से रिपोर्ट आने पर चकबंदी विभाग के बंदोबस्त अधिकारी ने लेखपाल को निलंबित कर दिया था। लेखपाल की विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
यह था पूरा मामलाः
बाबूगढ़ थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर काकौड़ी निवासी वंश चौधरी ने एंटी करप्शन में शिकायत करते हुए बताया था उनका गांव चकबंदी में है। उनके पिता चार भाई थे। जिनमें से एक भाई की मृत्यु हो चुकी है और वह अवविवाहित थे।
उनके हिस्से की जमीन अन्य तीनों भाईयों के नाम होनी थी। इसके लिए उन्होंन चकबंदी लेखपाल से संपर्क किया। लेखपाल ने तीनों भाईयों के नाम जमीन चढ़ाने की एवज में 15 हजार रुपयों की रिश्वत मांगी। इसके बाद पीड़ित व लेखपाल के बीच दस हजार रुपये की रिश्वत तय हुई थी। वंश चौधरी से शिकायत मिलने के बादएंटी करप्शन की टीम ने लेखपाल नरेंद्र कुमार को जिला मुख्यालय पर दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया था।
इस मामले एंटी करप्शन की टीम के प्रभारी मयंक कुमार अरोरा ने लेखपाल नरेंद्र कुमार गौड़ के खिलाफ थाना हापुड़ देहात में दर्ज कराया।
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