मोनाड यूनिवर्सिटी की जमीन की भी जांच शुरू

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मोनाड यूनिवर्सिटी की जमीन की भी जांच शुरू

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): विवादों से घिरी मोनाड यूनिवर्सिटी के लिए ली गई जमीन मानकों को ताक पर रखकर ली गई थी। जमीन की जांच भी अब शुरू हो गई है। हापुड़ और गाजियाबाद जिला प्रशासन के अधिकारी इसकी पड़ताल कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जमीन लेने के लिए मानकों का पालन नहीं किया गया। कृषि योग्य भूमि को मनमाने तरीके से अकृषिय कर लिया गया। शासन के आदेश पर मामले की गहनता से जांच हो रही है। Saathसाथ ही तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका भी शक के घेरे में है।
आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में मान्यता के लिए 62 एकड़ जमीन और शहरी क्षेत्र में मान्यता के लिए 20 एकड़ जमीन का होना अनिवार्य है। यह जमीन एक ही कैंपस में हो और अकृषिय होनी चाहिए। ऐसे में मोनाड यूनिवर्सिटी को अब एक और जांच का सामना करना पड़ेगा। शासन के आदेश पर यूनिवर्सिटी की जमीन की जांच शुरू हो चुकी है। शासन की जांच में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल है जिसकी अधिकारी जांच कर रहे हैं। बताते हैं कि मान्यता के बाद इसे दो भागों में बांट लिया गया। करीब 200 बीघा भूमि को यूनिवर्सिटी की चार दीवारी के बाहर रख लिया गया। उस पर आज खेती की जा रही है तो भूमि अकृषिय थी तो उस पर खेती कैसे हो रही है? यदि खेती योग्य थी तो यूनिवर्सिटी कैसे बनी। इन सभी पर जांच जारी है। यह भी बता दें कि यूनिवर्सिटी के लिए जमीन 2008 में ली गई थी तब जिला गाजियाबाद लगता था।

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