हापुड़ सोने के नकली जेवर के कारोबार का अड्डा
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): यदि आप विवाह सीजन में हापुड़ के बाजार से सोने के जेवरात खरीदने की सोच रहे है, तो सतर्कता बरतनी जरुरी है, क्योंकि असली सोने के जेवर की आड़ में नकली जेवर का धंधा करने वालों ने भी अपनी दुकानें सजा ली है और दलाल भी सक्रिय हो उठे है। नकली सोने के जेवर करने वालों के ठिकानों पर अन्य प्रांतों की पुलिस कई बार पहुंच चुकी है।
पिलखुवा के सुनार दिनेश कुमार ने गांव डूहरी की एक महिला को 18 लाख रुपए के नकली जेवर बेचकर चर्चाओं को गहरा कर दिया है।
सोने के नकली जेवर पीतल व तांबे पर सोने की पर्त अथवा सोने का पानी चढ़ा कर बनाए जाते है। भारत का शायद ही कोई ऐसा राज्य बचा हो, जहां हापुड़ में तैयार ये जेवर सप्लाई न किए जाते हो। कभी-कभी जाल साज तो हाल मार्क लगा देते है।
क्या होती है हालमार्किंगः
केंद्र सरकार ने जनवरी-2025 से सभी जेवरों पर हालमार्किंग को अनिवार्य किया है। सोने की शुद्धता को सत्यापित करने की प्रक्रिया को हालमार्किग कहा जाता है। बीआईएस ने 14, 18, 22, 23 और 24 कैरेट से बने आभूषणों औ कलाकृतियों पर हालमार्किंग को अनिवार्य किया हुआ है। सरकार ने यह कदम सोने की खरीदारी सुरक्षित बनाने और ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने और ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए उठाया गया है। यदि खरीदारी करते वक्त ग्राहकों को जेवर पर बीआईएस हालमार्किंग न दिखे तो आप ज्वैलर्स से भी इसे दिखाने के लिए भी कह सकते है।
बता दें कि बिना हालमार्किंग के सोने के जेवर बेचना जुर्म की श्रेणी में आता है। असली सोने के जेवर के नाम पर नकली जेवर का काम करने वाले अनेक कारोबारी इस कार्य को अंजाम दे रहे है। भारतीय मानक ब्यूरो को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
दीमक, कॉकरोच, मच्छर, खटमल, चींटी से पाएं छुटकारा: 9457980680, 8077979922
