हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): बृज घाट 25सितंबर:~ “स्वयं को हस्ती का अभिमान व्यर्थ,क्षण में हस्ती अस्थि मात्र रह जाती है” यह संदेश दिया गया श्री राजमाता झंडेवाला मंदिर समूह के प्रमाध्यक्ष स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा “अनजान मृतकों के अस्थि अवशेषों को गंगा विसर्जन” हेतु बृज घाट गढ़ मुक्तेश्वर पर पहुंचकर अस्थियों का गंगा विसर्जन करने से पहले उपस्थित भक्तसमूह को।
दरबार के प्रबंधक राम वोहरा ने बताया कि सनातन संस्कृति में पितृ पक्ष के पावन अवसर पर दिल्ली के विभिन्न शमशान घाटों पर अनजान मृतकों के अस्थि अवशेषों (फूलों) को एकत्रित करके दिल्ली शाहदरा गोरख पार्क स्थित मंदिर में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोचारण करते हुए दूध दही शहद गंगाजल घृत आदि से निर्मित पंचामृत से अभिषेक करने के बाद पुष्प अर्पित करते हुए बृज घाट की ओर चलकर बृज घाट पहुंचे। स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज द्वारा कोरोना काल में भी अनेक कोरोना संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार एवम हजारों मृतकों के अस्थि अवशेषों को गंगा विसर्जन किया गया। नाव द्वारा बृज घाट गढ़ मुक्तेश्वर स्थित गंगा के मध्य जाकर इन फूलों को विसर्जित करने से पहले विद्वान ब्राह्मण पंडित अमित मिश्रा,पंडित जतिन शर्मा द्वारा वैदिक मंत्रोचारण के साथ पूजा अर्चना की गई। लगभग 200 मृतकों के अस्थि कलश को विसर्जन के बाद गंगा किनारे साधु संतो को शॉल ओढ़ाकर प्रसाद दक्षिणा सहित देकर इन दिवंगत आत्माओं की शांति, मुक्ति हेतु प्रार्थना की गई।
अनजान मृतकों के अस्थि विसर्जन के संदर्भ में स्वामी श्री राजेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि “मनुष्य को अपने परिवार, पैसा,पद प्रतिष्ठा का अभिमान नहीं करना चाहिए।सनातन धर्म में यह मान्यता है कि मृत्यु पश्चात जब तक मृतक के अस्थि अवशेषों को गंगा विसर्जन नहीं कर दिया जाता तब तक उन्हें मुक्ति नहीं मिलती। सनातन संस्कृति के इन तथ्यों के पीछे धार्मिक के अलावा सामाजिक आध्यात्मिक एवम वैज्ञानिक आधार भी होते हैं।ओर फिर सबसे बड़ी यह बात है कि “वसुधैव कुटुंबकम्” विचारधारा के अनुसार यह सभी अनजान मृतक हमारे ही परिवार का अभिन्न अंग रहें हैं अतः अपने कर्तव्य निर्वहन हेतु यह अस्थि विसर्जन कार्यक्रम विशेष महत्व रखता है।
स्वामी राजेश्वरानंद जी महाराज ने विशेष रूप से बताया कि आने वाली 29 सितंबर रविवार दोपहर ग्यारह बजे से गोरख पार्क शाहदरा स्थित मंदिर में इन मृतकों के साथ बांग्लादेश नरसंहार में मारे गए अनेक सनातनी भाइयों को श्रद्धांजलि,आत्मिक शांति हेतु “सर्व पितृ यज्ञ तर्पण”का अनुष्ठान किया जाएगा जिसमे उन स्वतंत्रता सेनानियों एवं पुण्य आत्माओं हेतु श्रद्धांजलि तिलांजलि पुष्पांजलि अर्पित किए जायेंगे जिन्होंने धर्म एवम राष्ट्र सेवा हेतु प्राण न्योछावर कर दिए।
पित्तर पक्ष श्राद्ध कर्म में इस विशेष अस्थि विसर्जन एवम सर्व पितृ यज्ञ में गुलशन शर्मा, भागचंद महेश्वरी,रोहित कौशिक,सरला तिवारी,विजय भसीन का विशेष योगदान प्राप्त हुआ।
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