डीएम के पूर्व पेशकार के खिलाफ एडीएम ने दर्ज कराया मुकदमा
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ जिलाधिकारी के पूर्व पेशकार बृजभूषण के खिलाफ हापुड़ के अपर जिलाधिकारी ने मुकदमा दर्ज कराया है। बृजभूषण पर आरोप है कि उसने एक मामले में प्रश्नगत वाद पत्रावली की आर्डर शीट एवं आदेश पर जिलाधिकारी हापुड़ के कूट रचित एवं फर्जी हस्ताक्षर बनाएं। डिप्टी कलेक्टर व जांच अधिकारी इला प्रकाश की जांच के बाद पूर्व पेशकार के खिलाफ हापुड़ कोतवाली में शुक्रवार की रात 8:08 बजे पर भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह है मामला:
न्यायालय जिलाधिकारी हापुड़ में वाद संख्या 846/2023. यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया बनाम शुभम कंसल व अन्य अं. धारा 14 वित्तीय परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण एवं प्रतिभूतिहित प्रवर्तन (सरफेसी) अधिनियम 2002 में आदेश की नकल प्राप्त करने के लिए 16 दिसंबर 2024 को न्यायालय में नकल सवाल आदेश प्राप्त हुआ जिसमें आदेश दिनांक 7 मार्च 2024 दर्शाते हुए उसकी प्रमाणित प्रति चाही गई. जब पत्रावली को खंगाला गया तो यह विचाराधीन पत्रावलियों में नहीं मिली। ऐसे में न्यायालय की अलमारी में रखी निर्णित वाद पत्रावलियों में मिली जिसमें 7 मार्च 2024 का आदेश मिला। यहां से अधिकारियों को मामले में शक हुआ। इसी के साथ पत्रावली में संलग्न आदेश बारकोड और आरसीसीएमएस पोर्टल जनित नहीं मिला जो कि नियम विरुद्ध है। ऐसे में अधिकारियों का शक और भी गहरा हो गया।
डिप्टी कलेक्टर इला प्रकाश को बनाया जांच अधिकारी:
ऐसे में जिलाधिकारी हापुड़ ने डिप्टी कलेक्टर इला प्रकाश को जांच अधिकारी नामित कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके बाद डिप्टी कलेक्टर इला प्रकाश ने मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि प्रश्नगत वाद पत्रावली आर्डर शीट के अनुसार 4.8.2023 को दर्ज होकर न्यायालय में आरंभ हुई और दिनांक 7.3.2024 को अंतिम आदेश पारित होना दर्शाया गया। न्यायालय का अंतिम आदेश दिनांकित 7. 3. 2024 पत्रावली के साथ संलग्न मिला लेकिन नियमों के अनुसार पत्रावली पर बार कोडेड आदेश नहीं था और दिनांक 12 जनवरी 2024 से दिनांक 7 मार्च 2024 तक की आर्डर शीट जिस पृष्ठ पर अंकित है यह भी पोर्टल जनित ना होकर कुटरचित तरीके से तैयार की गई है।
बृजभूषण के पास थी पत्रावलियों के रखरखाव की जिम्मेदारी:
जांच अधिकारी ने जब मामले को गंभीरता से जांचा तो पता चला कि 19 मई 2003 को कार्यालय द्वारा पारित आदेश के दौरान बृजभूषण रीडर जिलाधिकारी के पद पर तैनात था। इसके बाद 27 जून 2024 को आए कार्यालय आदेश के अनुसार बृजभूषण का स्थानांतरण मोहरिर जूडिशियल तहसील हापुड़ के पद पर किया गया। ऐसे में इस अवधि में पत्रावलियों एवं समस्त अभिलेखों के रखरखाव का पूर्ण जिम्मा रीडर के पद पर तैनात रहे बृजभूषण का ही था।
डीएम के बनाए फर्जी हस्ताक्षर:
जब मामले की जांच और आगे बढ़ी तो पता चला कि तत्कालीन रीडर बृजभूषण द्वारा ही प्रश्नगत वाद पत्रावली की आर्डर शीट और आदेश पर हापुड़ जिलाधिकारी के कूट रचित एवं फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए। मामले की जांच कर आख्या जिलाधिकारी को सौंपी गई जिसके बाद अपर जिलाधिकारी ने बृजभूषण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
तत्कालीन रीडर ने ऐसा क्यों किया?:
सवाल यह खड़ा होता है कि बृजभूषण ने ऐसा क्यों किया? पुलिस के मुकदमा दर्ज जांच शुरू कर दी है। सवाल यह खड़ा होता है कि बृजभूषण ने ऐसा क्यों किया? फिलहाल मामले की विभिन्न पहलुओं पर जांच चल रही है।