जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए जी- जान से जुट जाएं टीबी चैंपियंस : डीटीओ
– सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र – गढ़मुक्तेश्वर सभागार में टीबी चैंपियंस का संवेदीकरण किया गया
– क्षय रोगियों को खानपान के बारे में बताएं और भावनात्मक सहयोग देते रहें : डा. दिनेश भारती
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़, 02 जनवरी, 2024। “क्षय रोगियों की शीघ्र पहचान और फिर नियमित उपचार में टीबी चैंपियंस की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। आप जन समुदाय के बीच में रहते हैं और खुद भी नियमित उपचार से टीबी से मुक्त हो चुके हैं, इसलिए आपकी बात जन समुदाय को ज्यादा प्रभावित और प्रेरित करेगी।” यह बातें जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र – गढ़मुक्तेश्वर के सभागार में टीबी चैंपियंस के लिए आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला के दौरान कहीं। उन्होंने टीबी चैंपियंस का आह्वान किया कि अपने ब्लॉक और जनपद को टीबी मुक्त करने के लिए जी-जान से जुट जाएं, तभी टीबी मुक्त भारत का संकल्प पूरा होगा।
डा. राजेश सिंह ने कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कहा – “आप लोग अपने क्षेत्र के टीबी रोगियों से नियमित रूप से संपर्क में रहकर उन्हें उपचार जारी रखने के लिए प्रेरित करते रहे। किसी क्षय रोगी को दवा आदि मिलने में किसी तरह की असुविधा हो तो जिला स्तर पर अवगत कराएं। उन्हें बताएं कि दवाओं के साथ ही उच्च प्रोटीन युक्त भोजन लेना भी उनके लिए बहुत जरूरी है। शरीर को टीबी संक्रमण से हुए नुकसान की भरपाई उच्च प्रोटीन युक्त भोजन से ही संभव है। क्षय रोगियों के परिजनों को भी टीबी जांच कराने के लिए प्रेरित करें। उनसे पांच वर्ष तक के बच्चों को दी जा रही टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) के बारे में भी पूछें। उन्हें बताएं कि बच्चों को छह माह तक टीपीटी देनी है। ”
इस मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. दिनेश भारती ने कहा – क्षय रोगियों से बीच-बीच में बात करते रहने से उन्हें भावनात्मक सहयोग मिलता है, जो नियमित उपचार और टीबी से मुक्ति के लिए उनके संघर्ष को बल देता है। टीबी चैंपियन क्षय रोगियों के परिजनों को यह भी बताएं कि टीबी का संक्रमण सांस के जरिए फैलता है लेकिन दो माह तक नियमित उपचार के बाद क्षय रोगी से संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहता। उन्होंने टीबी चैंपियंस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा – अगले 12 माह में जनपद को टीबी मुक्त बनाने के लिए हमें और मेहनत करने की जरूरत है। सभी क्षय रोगियों का नियमित रूप से फालोअप करें। उनके परिजनों से मिलकर समय-समय पर टीबी की जांच कराने के लिए प्रेरित करें।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया – टीबी चैंपियंस को समाज में फैली भ्रांतियों और टीबी के लक्षणों के बारे में आम जन को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है – दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार, खांसी के साथ बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, भूख न लगना, वजन कम होना या सीने में दर्द होना यह सब टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से कोई भी लक्षण नजर आने पर टीबी की जांच कराना जरूरी है। उन्होंने बताया – हर आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर दो (एक महिला और एक पुरुष) टीबी चैंपियन काम कर रहे हैं। सभी का ब्लॉक वार संवेदीकरण किया जाएगा। सबसे पहले गढ़ ब्लॉक में 22 टीबी चैंपियन का संवेदीकरण किया गया।
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