चासर टू मिल्टन पर संगोष्ठी

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चासर टू मिल्टन पर संगोष्ठी
हापुड, सीमन (ehapurnews.com):एस0एस0वी0 पी0जी0 कॉलिज, हापुड़ के अंग्रेजी विभाग में ‘‘चासर टू मिल्टन’’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें एम0ए0 अंग्रेजी प्रथम सेमेस्टर की छात्राओं ने अपने पत्र प्रस्तुत किए। संगोष्ठी के आरम्भ में संगोष्ठी की आयोजिका प्रोफेसर रानी तिवारी, अंग्रेजी विभाग ने संगोष्ठी के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि महाकाव्य काव्य की सर्वाधिक महत्वपूर्ण विधा है। अंग्रेजी साहित्य के इतिहास पर नजर डालें तो देखेंगे कि जेफ्री चासर से जॉन मिल्टन के साहित्य काल में कुछ बहुत उत्कृष्ट महाकाव्यों की रचना हुई। महाकाव्यों में जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं, जीवन की समग्रता का कलात्मक ढंग से वर्णन किया जाता है।


अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आऱ़0 के0 शर्मा ने महाकाव्यों की विशेषताऐं जैसे उदान्त उददेश्य, महान नायक, प्रकृति एवं युग चित्रण, रस भाव, उत्कृष्ट एवं कलात्मक शैली, अलंकारों का भावानुकूल प्रयोग आदि पर चर्चा की। हुसने अज़ीम ने अपने पत्र के माध्यम से बताया कि जॉन मिल्टन का पैराडाइस लॉस्ट महाकाव्य संक्षेप में विषय वर्णन के साथ शुरू होता है कि मानव ईश्वरीय आज्ञाभंग अपराध के फलस्वरूप किस प्रकार स्वर्ग से वंचित हो जाता है। रायना, पूर्वी, सिमरन चौधरी,विधि,ईशा ने अपना पत्र मेटाफिसिकल कवि जॉन डन एवं एंड्रू मारवल पर प्रस्तुत किया ।अरसी ने अपने पत्र के माध्यम से बताया कि 14वीं शताब्दी के लेखक जेफ्री चॉसर के साथ ही अंग्रेजी साहित्य में आधुनिक युग का प्रारंभ माना जाता है। सिद्रा, शीतल ने अंग्रेजी पुनर्जागरण थियेटर पर अपना पत्र प्रस्तुत किया एवं बताया कि इस समय के प्रमुख लेखक थे क्रिस्टोफर मार्लो। इस संगोष्ठी में सिमरन टाँक, आरज़ू, अनमाेल, आयशा, दीया, पारूल, सलाेनी, स्नेहा, अर्चना आदि ने अपने पत्र प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में विभाग की देवेन्द्री गौड़ उपस्थित रहीं। आयोजन में श्री भीम सिंह का सहयोग रहा। महाविद्यालय के प्राचार्य ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया एवं अंग्रेजी विभाग की सराहना की।

हापुड़ के रामलीला गेट के पास खुल गया है Dr Lal Pathlabs || Authorised Collection Centre: 7668777545





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