सन्तोष और सुख ईश्वर भक्ति से ही सम्भव
हापुड़,सीमन (ehapurnews.com):आर्य समाज हापुड़ में ज्ञान ज्योति पर्व के अंतर्गत मंगलवार को आध्यात्मिक चर्चा और भक्तिमय भजनों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत भजन संध्या से हुई, जिसमें प्रख्यात गायक विवेक पथिक ने मधुर वाणी से भजनों की प्रस्तुति दी। “दया मय प्रभु जी दया हम पर कर दो”, “जनम-जनम के चक्कर खाकर हीरा जीवन मिलता है”, “भला करो भगवान, सबका भला करो” और “हम कभी माता-पिता का ऋण चुका सकते नहीं” जैसे भजनों ने उपस्थित भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
इसके पश्चात स्वामी जी ने अपने प्रवचनों में जीवन के गूढ़ आध्यात्मिक विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संसार में तीन चीजें अनादि हैं – सत् (प्रकृति), सच्चिद (जीवात्मा) और सच्चिदानंद (परमात्मा)। मानव को परमात्मा की ओर जाने वाले सच्चिदानंद मार्ग को अपनाना चाहिए, न कि प्रकृति के भौतिक तत्वों में उलझना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि सांसारिक पदार्थों की प्राप्ति के बाद भी असली संतोष और सुख ईश्वर की भक्ति से ही संभव है।उन्होने कहा कि जीवन का लक्ष्य सुख प्राप्त करना है, जो केवल ईश्वर आराधना से ही संभव होता है। संसार तीन गुणों – सत्व, रजस और तमस से बना है, और मनुष्य को अपना आहार, निंद्रा और ब्रह्मचर्य (संयम) का पालन सात्विक रूप में करना चाहिए, जिससे जीवन में आत्मिक उन्नति हो।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विनीत त्यागी प्रधानाचार्य डीएवी पब्लिक स्कूल हापुड़ ने की।
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