
हापुड़,सीमन(ehapurnews.com ):हिंदी प्रोत्साहन समिति हापुड़ के तत्वावधान में श्रीराम मंदिर निर्माण की खुशी में यहां एक आन लाइन रामरस कविसम्मेलन का आयोजन किया गया।
अध्यक्षता प्रख्यात कवि डा अनिल बाजपेई ने की तथा मंच संचालन कवयित्री गरिमा आर्य ने किया।
मुख्य अतिथि बाबा कानपुरी ने पढ़ा, जो अनादि अनंत, कण कण में जोकि समाये हैं,मर्यादा पुरुषोत्तम बनकर, बीच हमारे आए हैं।
डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा
राम बड़ा इक नाम है,अतुल अनादि अकाम!अनिल देवता कर रहे,तेंतिस कोटि प्रणाम!!
गरिमा आर्य ने संचालन करते हुए पढ़ा,कौशल्या ने जनम दिया,कैकेयी ने दुलार किया ,पिता ने नाजों से पाला,प्रजा ने भी प्यार किया, ऐसे लाडले दुलारे राम की कथा बांचू,ऐसा सौभाग्य मुझे मेरे राम जी ने दिया!
डा आराधना बाजपेई ने पढ़ा,
सूर्य झांकता व्योम से,पंछी करते गान,अनु राम स्पर्श को सरयू लेत उफान।
मंजीत सिंह अवतार ने पढ़ा, एसी थाली होवे जिसमें मिल जुलकर खाएं,एक गीत रचो तुम ऐसा, समता के गीत सुनाएं।

प्रदीप मिश्र ने पढ़ा
बनो संपाती से बंधु, अन्यथा पर जल जाएंगे,जटायु सा रखिए सुविवेक राम पंखे सहलाएंगे
डा पुष्पा गर्ग ने पढ़ा
राम नाम की गूंज से, गूंजा कौशल धाम,हर घर में दीपक जले,आये प्रभु श्रीराम!!
भावना तिवारी ने पढ़ा , रोम रोम में रमते राम, कण कण में हैं बसते राम,जनम मरण के ऊपर राम,सांस सांस में चलते राम!
व्यंजना पांडे ने कहा,जब उतरे अहसास हमारे कागज पर,आंख आंसू लगे बहाने कागज पर!
डा पूनम ग्रोवर ने पढ़ा,राम नाम रस मीठा लागे,राम जपू राम गुन जागे!
सूर्य प्रकाश सोनी ने पढ़ा,
गूंजता अब प्रभु राम का नाम है,हाथ में ध्वज राम मन में नाम है।
शैल भदावरी ने पढ़ा ,शैल राट मस्तक वाले क्यों हिमखंडों से गल जाते,दिनकर के वंशज होकर भी तारे हमको छल जाते!
विनय विक्रम सिंह ने पढ़ा,
सरसी आज अजुध्या आई,पुनः आगमन प्रभु के पाई,चरण पखारे सरजू आई,बहुरे दिन दीपावली आई।
कवि सम्मेलन के अंत में संरक्षक डा आराधना बाजपेई एवम् सचिव मंजीत सिंह अवतार ने कवियों का आभार प्रकट किया।
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