गढ़ गंगा मेला में प्रशासन के लिए अनेक चुनौतियां
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): पौराणिक तीर्थस्थल गढ़मुक्तेश्वर में गढ़-गंगा मेला 9 नवम्बर से 16 नवम्बर तक गंगा किनारे लगेगा। मुख्य स्नान 15 नवम्बर का है। गढ़ गंगा मेला में 35 लाख तीर्थ यात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है। जिला प्रशासन मेला की तैयारियों में जुटा है। जिला प्रशासन व पुलिस तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
ये है चुनौतियाः
जिला प्रशासन व पुलिस से समक्ष अनेक चुनौतियां है जिनसे प्रशासन व पुलिस को निबटना होगा। कुछ खास चुनौतियां इस प्रकार है। गढ़ गंगा मेले में जुआ बड़े पैमाने पर होता है जिसमें हार-जीत को लेकर विवाद हो जाता है। जुआरियों के कैम्प पर विशेष नजर रखने की जरुरत है। प्रतिबंध के बाबजूद मेले में शराब की बिक्री होती है जिसे रोकना जरुरी होगा। गढ़ गंगा मेले में कोई भी नौजवान हथियार लेकर प्रवेश न करें। भैसा दौड़, बाइक दौड़ आदि को रोकना होगा। जेबकतरों, झपटमारों तथा गंगा तट पर उठाई गिरहों पर कड़ी नजर रखने की जरुरत है। प्रसाद के नाम पर नशीला पदार्थ खिलाकर लूटने वालों पर भी कड़ी नजर की जरुरत है। पुलिस के लिए यातायात व्यवस्था को सही रखना सबसे बड़ी चुनौती होगा।
मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्रीः
गढ़ गंगा मेला क्षेत्र में बिकने वाले खाद्य पदार्थों पर गुणवत्ता व मिलावट खोरी को भी रोकना होगा। मेले में दूध की सर्वाधिक बिक्री होती है। उसके लड्डू, पेडा, पूरी-कचौड़ी का नम्बर आता है। सब्जी गली-सड़ी सब्जियों से तैयार की जाती है। खाद्य सुरक्षा, प्रशासन टीम को लगातार सक्रिय रखना होगा।
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