हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): ऊर्जा निगम के अधिकारियों की लापरवाही का सामना कर रहे जनपद हापुड़ के बाबूगढ़ क्षेत्र के सिमरोली निवासी योगेंद्र न्याय के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों की वजह से साल 2006 में योगेंद्र के दोनों हाथ कट गए। उचित मुआवजा ना मिलने पर वह न्यायालय पहुंचे जहां से मुआवजा मिलने का आदेश भी हो चुका है लेकिन अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है। 17 वर्षों से चक्कर काट रहा योगिंदर अब तंग आ गया है जिसने अपनी माता संग न्यायालय पर आत्मदाह की चेतावनी दी है।
दरअसल योगेंद्र ऊर्जा निगम में काम करते थे। साल 2006 में गांव बिगास में विद्युत लाइन पर काम करते समय अचानक बिजली छोड़ दी गई। इस दौरान योगेंद्र के साथ हादसा हो गया जिसमें उसके दोनों हाथ चले गए। योगेंदर एक साल तक ऊर्जा निगम के अधिकारियों के चक्कर काट कर मुआवजे की मांग करता रहा, मिन्नते करता रहा लेकिन किसी ने उसकी सुध न ली। इसके बाद तंग आकर साल 2007 में पीड़ित ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। पीड़ित ने बताया कि उपश्रम आयुक्त गाजियाबाद न्यायालय ने चार महीने पहले 1.55 लाख की धनराशि पीड़ित को दिलाने व हर महीने 5000 रुपए राशि दिए जाने का आदेश भी दिया है लेकिन इसके बाद भी किसी ने उनकी सुध नहीं ली। न्यायालय के आदेश को लेकर पीड़ित ने कलेक्ट्रेट में अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा। तंग आकर योगेंद्र ने चेतावनी दी है कि यदि 20 तारीख तक उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह मजबूरन आत्मदाह करेंगे। योगेंद्र की मां भी बुजुर्ग हो चुकी है जिनके सहारे के दोनों हाथ अधिकारियों की लापरवाही ने छीन लिए। पीड़ित ने इंसाफ की मांग की है।