जेई की शह पर अवैध कॉलोनी में तेजी से अवैध निर्माण, पढ़ें विशेष रिपोर्ट
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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर अपनी जेब भरने के लिए अवैध निर्माण को गति दे रहे हैं। शासन की मंशा के विपरीत प्राधिकरण के कई अधिकारी कार्य कर रहे हैं जिससे राजस्व को तो हानि हो रही है। इसी के साथ नियम विरुद्ध निर्माण हो रहा है। भोली भाली जनता पर यह अधिकारी सख्ती दिखाकर 40 हजार से डेढ़ लाख तक की रिश्वत वसूल रहे हैं। निर्माणाधीन भवन सील करने और अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की धमकी देकर अधिकारी लाखों रुपए की रिश्वत प्रतिदिन वसूल रहे हैं। अधिकारियों का साथ उनके कुछ रिश्तेदार व निजी सहायक दे रहे हैं।
जेई इन दिनों चर्चाओं में:
हापुड़ का एक जेई इन दोनों चर्चाओं में है। इस जेई का नाम अवैध निर्माण को गति देने में आगे आया है जहां अवैध कॉलोनी में तेजी से निर्माण चल रहा है। हापुड़ की पटना मुरादपुर रोड या बाबूगढ़ के बछलौता रोड की बात करें तो आपको पता चलेगा कि किस कदर यहां अवैध निर्माण का धंधा जोरों से चल रहा है। प्राधिकरण के अधिकारी अपने रिश्तेदार और निजी सहायक की शह पर लोगों से खुलेआम वसूली कर रहे हैं। यदि मामला गरमा जाता है या शिकायत होती है तो अधिकारी सीधे रिश्वत न लेकर नक्शा बनाने वालों से रुपए ले रहे हैं।
नक्शा बनाने वाले भी मामले में लिप्त:
कई नक्शा बनाने वाले इन दिनों चर्चाओं में है जो कि लोगों को अवैध कॉलोनी में नक्शा पास करने का झांसा देकर उनसे मनचाहे रुपए ऐंठ रहे हैं। अवैध निर्माण के पनपने से शासन को राजस्व से हाथ धोना पड़ रहा है। ऐसे में अवैध निर्माण को शह देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यदि अधिकारी की संपत्ति की जांच हो तो असलियत सभी के सामने आ जाएगी।
ऐसे देते हैं शह:
यदि हापुड़ की पटना मुरादपुर रोड की बात करें तो यहां तेजी से अवैध निर्माण हो रहा है। यह अवैध कॉलोनी है जहां नक्शा पास नहीं हो सकता लेकिन यहां बिना नक्शा पास हुए लगातार भवन बन रहे हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति निर्माण करने की सोचता है, वह निर्माण सामग्री मंगवाता है और कार्य शुरू होता है तो तुरंत अधिकारी के दोनों नुमाइंडे निर्माणाधीन भवन पर पहुंच जाते हैं और कार में बैठे साहब से मिलने की बात करते हैं। इस दौरान जितना हो सकता है वह निर्माण करने वाले को दडराते हैं। यदि निर्माण करता अधिकारी से तुरंत मिल लिया तो मामला वहीं रफा दफा हो जाता है। ऐसा न होने पर नोटिस बाजी का खेल चलता है। इसके बाद नक्शा बनाने वाले अवैध निर्माण करने वालों से रुपए लेकर अधिकारी तक पहुंचाते हैं।
पटना मुरादपुर रोड हो रहा अवैध निर्माण:
पटना मुरादपुर रोड पर बना यह लंबा चौड़ा भवन अपने आप में बताने के लिए काफी है कि यहां अवैध रूप से इसका निर्माण किया गया है। चार मंजिला भवन नियमों के विपरीत बना है। आखिर किसकी शह पर अवैध निर्माण हुआ है? यह सवाल बना हुआ है।
छुट्टियों के दिन तेजी से होता है अवैध निर्माण:
अधिकारी रिश्वत लेकर अवैध निर्माण को पनपने दे रहे हैं। अवैध कालोनियां लगातार विकसित हो रही हैं। अधिकारी रिश्वत लेकर अवैध निर्माण को छुट्टी के दिन करने की सलाह देते हैं। शिकायत आने पर कुछ दिन के लिए अवैध निर्माण पर ब्रेक लग जाता है।
निर्माण के साथ पुताई की भी सलाह:
प्राधिकरण के अधिकारी इतने शातिर हैं कि वह अवैध निर्माण को पनपने देने के लिए अवैध निर्माण कर्ताओं को सलाह भी दे रहे हैं। वह कहते हैं कि अवैध निर्माण होते ही तुरंत उसकी पुताई भी की जाए जिससे किसी को शक ना हो और यह किसी को पता ना चले कि क्षेत्र में अवैध निर्माण हुआ भी है।
रिश्तेदार व सहायक चर्चाओं में:
जो जेई इन दिनों चर्चाओं में है वह हाल ही में बछलौता रोड पर हुए अवैध निर्माण करता से भी रुपया ले चुका है। जेई का रिश्तेदार व सहायक इन दिनों चर्चाओं में है जो कि लोगों को खुलेआम धमकाते हैं और नोटिस बाजी का खेल खेलते हैं। पैसा आने पर मामला दब जाता है।
जेई की संपत्ति की हो जांच:
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के जेई की संपत्ति की जांच होनी चाहिए। शासन को मामले में संज्ञान लेकर यह भी जांच करनी चाहिए कि इस जेई के क्षेत्र में हाल ही में कितने अवैध निर्माण हुए हैं? किस तरह अवैध कॉलोनी का धंधा पनप रहा है? सूत्रों ने बताया कि लाखों रुपए महीना कमाया जा रहा है और राजस्व को हानि हो रही है। जेई ने अवैध रूप से अपने रिश्तेदार को भी प्राधिकरण से जुड़े काम में लगाया है जिससे गोपनीयता भी भंग हो रही है।
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