हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): सर्वाधिक सरसों उत्पादक राज्य राजस्थान से सरसों में भयंकर तेजी की खबरें आने तथा युक्रेन – रुस के मध्य जारी युद्ध के फिलहाल न रुकने की सम्भावनाओं के मध्य हापुड़ में सरसों के भावों में चल रही तेजी को स्टाकिस्टों ने और बल दिया। शनिवार को हापुड़ मंडी में गारंटी की सरसों का भाव 6800 रुपए खुला, जो कुछ देर बाद ही 7000 रुपए प्रति क्विंटल बोला जाने लगा जिसका कारण बताया गया कि स्टाकिस्ट खुल कर मैदान में आ गया।
हापुड़ जनपद में सरसों का रकबा 36 सौ हैक्टेयर बताया गया, जो गत वर्ष की तुलना में 14 सौ हैक्टेयर अधिक हैं। स्थानीय पैदावार के अतिरिक्त राजस्थान की मंडियों से भी सरसों की आपूर्ति की जाती हैं।
हापुड़ की अधिकांश बड़ी मिलें तेल सरसों की आपूर्ति राजस्थान से करती हैं और जरुरत पड़ने पर सरसों की पिराई भी करती हैं। स्पेलर संचालक पिराई के लिए आवश्यकता की पूर्ति स्थानीय मंडी से सरसों खरीद करते हैं। सरसों की भारी मात्रा कालेधन के कुबेरों के हलक में स्टाक में जाती हैं।
गत कई वर्ष में सरसों में चल रही तेजी को देखते हुए किसान का रुख तिलहन उत्पादन की ओर बढ़ा हैं जिससे क्षेत्र में सरसों उत्पादन में वृद्धि हुई हैं। सरसों का एमएसपी 50-50 रुपए प्रति क्विंटल हैं. परन्तु बाजार में गारंटी की सरसों 7000 रुपए तक बिक रही हैं जिससे किसानों की मौज आ रही हैं। सरसों में तेजी को देखते हुए किसान जरुरत के अनुसार ही मंडी में 8-10 कुन्तल सरसों ला रहा हैं। किसान ने भी सरसों रोक रखी हैं। हापुड़ मंडी में स्टाकिस्ट हावी हैं और वह उत्पादक राज्यों से सरसों मंगा रहा हैं। हापुड़ में सरसों के भारी स्टाक भविष्य में क्या गुल खिलाएंगें यह तो फिलहाल पता नहीं हैं, परन्तु इतना अवश्य हैं कि सरसों के स्टाक काले धन कुबेरों के मजबूत हाथ में हैं।
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