हापुड़ के उद्योगों में बाल श्रम नहीं

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हापुड़: विश्व बाल श्रम दिवस पर हापुड़ के उद्यमियों ने कहा कि उनके औद्योगिक संस्थानों में बाल श्रम कार्य नहीं करते हैं।

शुक्रवार 12 जून को बाल श्रम के विरुद्ध विश्व दिवस पर डिप्टी लेबर कमिशनर दीप्तिमान भट्ट ने ऑनलाइन मीटिंग का आयोजन उद्यमियों के साथ किया जिसमें बाल श्रम को समाज के लिए एक बड़ा अभिशाप बताया गया। डिप्टी लेबर कमिशनर ने बताया विश्व में 10 में से 1 बच्चा बाल श्रम में हैं जिसमें 71% कृषि व मत्स्य पालन में हैं। औद्योगिक क्षेत्र में केवल 12% बाल श्रम है।

2016 बाल श्रम अधिनियम के अनुसार 14 साल से कम उम्र के बच्चे से काम कराना दंडनीय अपराध है। जिसके लिए 2 साल की सजा व 50000/- तक का जुर्माना हो सकता है। 14 से 18 साल तक के बच्चे कुछ ही जगह पर काम कर सकते हैं। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के मंडलीय सचिव धीरज चुग ने बताया कि धीरखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया में 0% बाल श्रम कार्यरत है एवं उनके द्वारा समय-समय पर सभी उद्यमियों को जागरूक किया जाता है कि वह अपनी फैक्ट्री में किसी भी बाल श्रमिक से कार्य न कराएं।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोशिएशन से अशोक छारिया, प्रमोद गोयल, धीरज चुग, शान्तनु सिंघल ने मीटिंग में भाग लिया।