हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): धौलाना तहसील के पूर्व विधायक असलम चौधरी समेत चार लोगों को गाजियाबाद की एमपी/एमएलए कोर्ट ने जमीन पर कब्जा करने के आरोप में दोषी मानते हुए छह महीने साधारण कारावास तथा 10,500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। असलम चौधरी के खिलाफ गाज़ियाबाद के मसूरी थाने में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था जिनमें से धारा 427 तथा 447 में दोषी सिद्ध हुआ है। बुधवार को यह फैसला गाजियाबाद के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए न्यायधीश रवि शंकर गुप्ता ने सुनाया है। 17 साल बाद आए इस फैसले से पीड़ित को न्याय मिला है।
जानिए क्या है मामला:
मामला जनपद गाजियाबाद के थाना मसूरी क्षेत्र के डासना का है जहां मंडी समिति के पूर्व चेयरमैन लईक अहमद ने सात जनवरी वर्ष 2006 को मसूरी थाने में तहरीर दी और असलम चौधरी, हाजी निजाम, शाहिद अली तथा मुजम्मिल पर आरोप लगाया कि उन्होंने लईक अहमद के मकान पर पहुंचकर चारदीवारी गिरा दी और जमीन को बेचने के उद्देश्य से कब्जा कर लिया। तहरीर के आधार पर मसूरी पुलिस ने आईपीसी की धारा 147, 448, 506, 427 तथा 447 में मुकदमा दर्ज किया।
दो धाराओं में दोषी करार:
मामले की सुनवाई न्यायालय में शुरू हुई जहां धारा 147, 448 तथा 506 में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले जबकि आरोपियों पर धारा 427 व धारा 447 में आरोप सिद्ध हो गए जिसके पश्चात दोषी पूर्व विधायक असलम चौधरी, हाजी निजाम, शाहिद अली तथा मुजम्मिल को धारा 427 के तहत दोषी मानते हुए प्रत्येक दोषी पर 10,000 रुपए तथा छह महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई। वहीं दोषियों को धारा 447 के तहत दोषी मानते हुए 500 रुपए के अर्थदंड व तीन महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
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