- जनप्रतिनिधियों से आमजन तक जानकारी पहुंचाने में क्षय रोग विभाग की मदद की अपील की
- क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए संस्थाओं, संगठनों को प्रेरित करने में भी मदद का आव्हान
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com) : हापुड़, क्षय रोग उन्मूलन के लिए क्षय रोग और क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के प्रति जन जागरूकता जरूरी है। अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानेंगे तो संक्रमित की जल्दी पहचान में मदद मिलेगी, रोगी की जल्दी पहचान से उसका उपचार जल्दी शुरू हो सकेगा और टीबी का संक्रमण रूकेगा। यह बातें रविवार को जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने हापुड़ नगर पालिका कार्यालय में जनप्रतिनिधियों से भेंट के दौरान कहीं। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से आव्हान किया कि क्षय रोग और क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में जहां भी संभव हो, आमजन को बताएं। जन जागरूकता बढने से क्षय रोग का उन्मूलन करने में सहयोग मिलेगा।
डीटीओ सिंह ने नगर पालिका कार्यालय में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष एडवोकेट उमेश राणा, सदर विधायक विजयपाल आढ़ती, नगर पालिका अध्यक्ष प्रफुल्ल सारस्वत और भाजपा के जिला प्रभारी मानसिंह गोस्वामी से मुलाकात के दौरान निवेदन किया कि जब भी उन्हें जनसमूह से रू-ब-रू होने का मौका मिले, टीबी के लक्षण और क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी साझा कर जन जागरूकता लाने में क्षय रोग विभाग की मदद करें और 2025 तक टीबी मुक्त भारत के निर्माण में सहभागी बनें।
उन्होंने बताया राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से क्षय रोगियों के गोद लेने का कार्यक्रम क्षय रोगियों का मनोबल बढाने और क्षय रोग उन्मूलन में बहुत मददगार साबित हो रहा है, लिहाजा अधिक से अधिक लोगों को क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए प्रेरित करने में भी विभाग की मदद करें। सभी जनप्रतिनिधियों ने सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान डीटीओ के साथ जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर सुशील चौधरी भी मौजूद रहे।
डीटीआ ने जनप्रतिनिधियों को बताया – दो सप्ताह से अधिक खांसी, खांसते समय बलगम या खून आना, थकान रहना, वजन कम होना, सीने में दर्द रहना, बुखार, रात में सोते समय पसीना आना, यह सब टीबी के लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति में इनमें से कोई भी लक्षण हो तो उसे अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर निशुल्क टीबी जांच करानी चाहिए। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर क्षय रोग विभाग तत्काल टीबी का निशुल्क उपचार शुरू कर देता है। क्षय रोग विभाग के पास बेहतर उपचार उपलब्ध है। उपचार के दौरान रोगी को बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत हर माह पांच सौ रुपए का भगुतान रोगी के बैंक खाते में किया जाता है। यह जानकारी सामुदायिक स्तर पर आगे बढाने की अपील भी डीटीओ ने जनप्रतिनिधियों से की।