हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): 14 जनवरी 2025 दिन मंगलवार को माघ मास के साथ सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही सूर्य के उत्तरायण होने से मकर संक्रांति पर्व के साथ पौराणिक ग्रंथों में वर्णित प्रयागराज महाकुम्भ अमृत स्नान भी प्रारम्भ हो जाएगा। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा के अध्यक्ष पंडित के. सी. पाण्डेय ने बताया कि इसी के साथ एक महीने से बंद समस्त शुभ मंगल कार्य जैसे विवाह, गृहप्रवेश, उपनयन (जनेऊ), अन्नप्राशन, मुंडन, कुआँपूजन, नींव पूजन आदि समस्त शुभ मंगल कार्य शुरु हो जाएगा।
जानिए शुभ समय:
निर्णयसिंधु, धर्मसिंधु आदि धर्मग्रंथो के अनुसार जिस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है उसी दिन मकर संक्रांति होता है। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल संक्रांति समय से 40 घड़ी अर्थात 16 घंटे का समय अत्यंत शुभ होता है। सुबह 8.55 से देर रात्रि 12.55 तक गंगा व अन्य पवित्र नदी में स्नान – जप, दान आदि शुरु हो जाएगा। चूंकि सूर्यास्त सायंकात 5 बजकर 38 मिनट पर होगा। अतः धर्मसिंधु ग्रंथ के अनुसार सुबह में संक्रांति समय से 2 घंटे और सूर्यास्त से पहले के 2 घंटे विशेष शुभ होने से इस समय में स्नान, दान करना अत्यंत पुण्यफल प्रदान करने वाला होगा। पद्मपुराण में मकर संक्रांति के दिन प्रातः काल स्नान दान को उत्तम बताया गया है। स्कन्द पुराण व कालिका पुराण में बताया गया है कि जो मनुष्य सूर्य के उत्तरायण होने अर्थात मकर संक्रांति के दिन ब्राह्मणों को तिल व तिल से बनी वस्तुओं, वस्त्रदान, सुवर्ण दान करता है तथा शिव मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाता है। तिल से हवन करता है उसके समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है तथा समस्त पाप समाप्त हो जाते है। गरीबों को दान देने से राहु, शनि आदि ग्रह अनुकूल होते है। इस दिन भोजन में खिचड़ी, दही व तिल से बनी भोज्य पदार्थ, सतनजा, उनी कपड़े जैसे कम्बल आदि दान देना चाहिए। 14 जनवरी 2025 को पुनर्वसु नक्षत्र, विष्कुम्भ योग, मंगलवार के दिन संक्रांति होने से महोदरी नामक संक्रांति है। सुबह 10.17 से पुष्य नक्षत्र भी लग जाने से विशेष फलदायी होगा। स्नान के बाद सूर्य, शनि, राहु आदि मंत्रों के जप, हवन के लिए अनुकूल दिन है। मकर संक्रांति के दिन ही राजा सागर के 60,000 पुत्रो को मोक्ष राजा भागीरथ के प्रयास से हुआ था। अतः इस दिन गंगासागर स्नान का विशेष विधान है। इस दिन स्नान करने से 10 अश्वमेध यज्ञ तथा 1000 गायों के दान का फल मिलता है। इसी दिन अनेक राज्यों में पतंग उडाने की भी परंपरा है।
पहला वैवाहिक मुहूर्त 16 जनवरी:
2025 का पहला वैवाहिक मुहूर्त 16 जनवरी को है तथा 2027 में पुनः 15 जनवरी मकर संक्रांति मनाया जाएगा।

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