
कुर्बानी की फोटो,वीडियोज सोशल मीडिया पर शेयर न करें
हापुड, सीमन (ehapurnews.com):हापुड़ क्षेत्र के गांव गौंदी स्थित हमजा मस्जिद के इमाम कारी सलीम आज़म ने कहा कि हमारे देश भारत में गाय और उसकी नस्ल की कुर्बानी पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसे ध्यानार्थ रखते हुए बकरीद पर गाय व उसके वंशजों की कुर्बानी करने से बचना चाहिए इसके अलावा बकरा भैंस दुमबा आदि जानवरों की कुर्बानी करनी चाहिए साथ ही कुर्बानी करते समय दूसरे धर्म के लोगों के जज्बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए । मंगलवार को कारी सलीम आज़म गांव गौंदी स्थित हमजा मस्जिद में फजर की नमाज के उपरांत नमाजियो के समक्ष तकरीर कर रहे थे उन्होंने कहा कि हमारे नबी स० का कहना है कि जिस आदमी पर कुर्बानी वाजिब है और वह कुर्बानी नहीं करता है तो वह हमारी ईदगाह के करीब भी नहीं आए । कुर्बानी हर उस बालिग शख्स पर वाजिब है जो साढ़े बावन तौला चांदी या उसकी कीमत का मालिक हो। कुर्बानी 3 दिन तक की जाती है चांद की 10, 11, 12, तारीख को लेकिन पहले दिन कुर्बानी करना अफजल है। उन्होंने कहा कि जिस शख्स पर कुर्बानी वाजिब है उसे स्वयं कुर्बानी वाले जानवर की कुर्बानी करनी चाहिए अगर खुद नहीं कर सके तो वहां मौजूद रहना चाहिए जहां कुर्बानी की जा रही है कारी सलीम ने कहा कि हिंदुस्तान में एक धर्म के लोग गाय और उसके वंशजों से बहुत प्यार करते हैं इसलिए हमें उनके जज्बातों को ध्यान में रखते हुए गाय की कुर्बानी करने से बचना चाहिए ऐसा करने से उन्हें गहरा आघात पहुंचता है उन्होंने तकरीर के माध्यम से मुस्लिम समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि कुर्बानी करते समय की वीडियो या फोटो सोशल मीडिया पर भी शेयर ना करें, कुर्बानी सड़क रास्ते व सार्वजनिक स्थल पर नहीं करें , अपने अपने घरों पर या पर्दे के अंदर करें और उसकी गंदगी को आबादी से दूर महफूज जगह पर दफन कर दिया जाए कुर्बानी के बाद साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। बकरीद के पर्व को मिलजुल कर मनाएं।
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