हापुड़, सीमन (ehapurnews.com) : हलहारिणी अमावस्या के दिन बुधवार की भोर में महिलाओं व पुरुषों ने गंगाजल के साथ स्नान कर पूजा अर्चना की और पितरों के लिए तर्पण व दान किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बृजघाट गंगातट पर डूबकी लगाई।
आषाढ़ मास की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते है। ऐसी मान्यता है कि अमावस्या के दिन किसी दूसरे का अन्न खाने से मनुष्य के पुण्य कम हो जाते है। इसलिए इस दिन किसी दूसरे व्यक्ति के घर भोजन नहीं करना चाहिए। अमावस्या के दिन गरीबों, कुत्तों, चीटियों, पशु-पक्षियों को भोजन कराना चाहिए और वस्त्र आदि दान करना चाहिए।
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