बूढ़े बाबा का मेला नहीं लगने से श्रध्दालु निराश

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हापुड़:पास के गांव वझीलपुर में गत कई दशकों से आयोजित बूढ़े बाबा की दौज का मेला कोरोना वायरस की वजह से न लगने के कारण श्रध्दालुओं को निराश होकर लौटना पड़ा।

राष्ट्रीय सैनिक संस्था जिलाध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्यागी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि गांव में स्थित एक प्राचीन कुंड (तालाब) में नहाने व कुंड की मिट्टी लगाने से कुष्ठ रोग (दाद, खाज, खुजली) आदि रोग खत्म हो जाते हैं। इस मान्यता के कारण श्रध्दालु पहुंचते हैं।

यह मेला वर्ष में दो बार माघ मास की दौज व बैसाख मास की दौज को लगता है जिसमें दूर दराज के हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। शुक्रवार को भोर होते ही श्रद्धालुओं का गांव आना शुरू हुआ था जिसकी सूचना मिलते ही ज्ञानेन्द्र त्यागी मौके पर पहुंचे और श्रद्धालुओं को समझाने का प्रयास कर वापस लौटने को कहा कुछ श्रद्धालु तो लौट गये लेकिन कुछ श्रद्धालु बहस करने लगे जिसकी थानाध्यक्ष देहात व पुलिस चौकी साईलो द्वितीय को दी। सूचना मिलते ही बीट अधिकारी प्रमोद कुमार पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे और श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया।

  • गांव बझीलपुर में लगाई बैरिकेट




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