दलित वोटर पर निगाह गढ़ाए हैं भाजपा, सपा व बसपा
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर दलित व मुस्लिमों वोटरों के रुख को लेकर भाजपा, बसपा व सपा पूरी तरह चिन्तित है, क्योंकि राजनीतिक विशलेषण यह मानकर चल रहे है कि दलित व मुस्लिम वोट ही निर्णायक होंगे। मेरठ-हापुड़ सीट पर भाजपा के अरुण गोविल, सपा से सुनीता वर्मा व बसपा से देवव्रत कुमार त्यागी चुनाव मैदान में है। यह सीट भाजपा का गढ़ है। मतदान समय नजदीक आते ही जातिगत समीकरणों को हवा दी जा रही है। इस चुनाव में करीब 46 प्रतिशत महिला वोटर की भूमिका निर्णायक होगी।
बसपा तो दलित व मुस्लिम वोटर को वोट बैंक मानकर चुनाव प्रचार मे डटी है औऱ सर्वसमाज के नारे से चुनावी नैय्या पार करने की जुगाड़ में लगी है। अब हाई कोर्ट बैंच व पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के मुद्दे को भी उछाला है।
सपा प्रत्याशी ने तो अपने नाम के साथ जाटव शब्द को जोड़कर जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है। सपा मुस्लिम मतों की एक जुटता पर भी जोर दे रही है।
भाजपा राष्ट्रहित, केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों पर चुनाव वैतरणी पार करने के लिए प्रयासरत है। मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर 20 लाख 530 मतदाता तथा 140 अन्य मतदाता है। इनमें 10 लाख 75 हजार 368 पुरुष तथा 9 लाख 25 हजार 22 मतदाता महिला है। इस चुनाव में महिला वोटर ही निर्णायक होंगी। वैसे तो सभी दल और प्रत्याशी सर्वसमाज की बात करते हैं, लेकिन मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर दलित और मुस्लिम वोट को लेकर लड़ाई है। यही कारण है कि भाजपा, सपा, बसपा के नेता इस सीट को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं। पांच विधानसभा क्षेत्रों में तीन पर भाजपा और दो पर सपा काबिज है। तीनों दलों में असली लड़ाई ही मुस्लिम- दलित मतदाताओं को लेकर ही है।
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