जमानत के पेपर्स फर्जी निकले
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): न्यायालय को धोखा देने की नियत से धोखाधड़ी करते हुए फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर, फर्जी जमानती न्यायालय में दाखिल किए जाने का मामला सामना आया है। इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के लिपिक ने अभियुक्त, अभियुक्त के पैरोकार और अधिवक्ता के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

जिला एवं सत्र न्यायालय में लिपिक पद पर तैनात प्रदीप कुमार ने कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। जिसमें बताया गया कि 20 अगस्त 2024 को अभियुक्त शानू उर्फ जावेद की अनुपस्थिति के कारण उसके विरुद्ध गैर जमानतीय वारंट जाए किए गए थे। अभियुक्त के जामिनदारों (जमानती) को इस आशय का नोटिस जारी किए गए थे कि अभियुक्त के बन्धपत्र निरस्त करते हुए क्यों न उनसे जमानत की धनराशि वसूल की जाए।
23 अगस्त 2024 को जामिनान की अनुपस्थिति के कारण तहसीलदार मेरठ को आदेशित किया गया था कि वह जामिनदार रामवीर सिंह एवं सलीम की उपरोक्त सम्पत्ति से अंकन दो-दो लाख रूपये वसूल करके न्यायालय में पेश करें। तहसीलदार हापुड़ को आदेशित किया गया था कि वह जामिनदार अरुण की उपरोक्त सम्पत्ति से अंकन पच्चीस हजार रुपये वसूल करके न्यायालय में पेश करें। तहसीलदार गाजियाबाद को आदेशित किया गया था कि वह जामिनदार जफर की उपरोक्त एक्टिवा से अंकन पच्चीस हजार रूपये वसूल करके न्यायालय में पेश करें।
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