निसंतानता हराने के लिए जागरुकता जरूरी: डॉ विमलेश

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हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): बच्चे की किलकारी से गूंजते घर-आँगन की चाहत सभी दम्पत्यों के मन में होती है। निराशा तब होती है जब विवाह के पश्चात कई वर्ष बीत जाने पर भी संतान-सुख की प्राप्ति नहीं होती है। पूर्व में इस स्थिति को अभिशाप माना जाता था।
समाज में ऐसे लोग, जो माँ-बाप नहीं बन पाते थे, उन्हें हिकारत की नजरों से देखा जाता था लेकिन वैज्ञानिक खोजो के कारण अब ऐसी तकनीक विकसित हो गई है जिसमें नि:संतानता के कारणों को खोज कर उचित चिकित्सा द्वारा संतान-सुख प्राप्त किया जा सकता है।
इसी विषय पर विस्तार से प्रकाश डालने के उदेश्य से देव नन्दिनी टैस्ट ट्यूब बेबी सेंटर, हापुड़ द्वारा लौरेंस अकादमी, गुलावठी में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे क्षेत्र के प्रमुख डॉक्टर्स एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
गोष्ठी में जानी-मानी स्त्री-रोग विशेषज्ञ एवं देव नन्दिनी टैस्ट ट्यूब बेबी सेंटर की डायरेक्टर डा० विमलेश शर्मा एवं प्रख्यात सर्जन एवं एंन्डरोलोजिस्ट डा० श्याम कुमार द्वारा विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की गई।
प्रमुख स्त्री-रोग विशेषज्ञ डा० विमलेश शर्मा द्वारा अवगत कराया गया कि ऐसी महिलायें, जिनकी फैलोपियन ट्यूब बंद हो, अंड न बनते हो अथवा उच्च क्वालिटी के न बनते हों, अंडाशय अथवा गर्भाशय में गांठे हो, गर्भाशय की भीतरी परत में सूजन हो अथवा नि:संतानता का कारण पकड़ में न आ रहा हो, को भी आई वी एफ तकनीक द्वारा संतान प्राप्ति संभव है।
प्रमुख एंन्डरोलोजिस्ट डा० श्याम कुमार ने बताया कि पुरुष अंडकोष में शुक्राणु का न बनना, उनकी संख्या अथवा क्वालिटी उपयुक्त न होना अथवा शुक्राणु-वाहक नलिका में रुकावट होना पुरुष बांझपन की प्रमुख समस्या है। शुक्राणु-रहित पुरुषो में TESA / PESA तकनीक द्वारा शुक्राणु प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है। आई वी एफ तकनीक में अच्छी क्वालिटी के कम शुक्राणु प्राप्त होने पर भी अंड-निषेचन प्रक्रिया सफलतापूर्वक की जा सकती है |
गोष्ठी में क्षेत्रीय प्रमुख डॉक्टर्स, गणमान्य व्यक्तियों के अलावा डा० सरीस चौधरी, दीपक चौधरी, दुष्यंत त्यागी, अशोक कुमार सिंह, ममता त्यागी आदि उपस्थित रहे।

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