भगवान गणेश के जन्म की कथा का वर्णन

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भगवान गणेश के जन्म की कथा का वर्णन

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ के मोहल्ला शंकर गंज में चल रही शिव महापुराण कथा के चौथे दिन व्यास पंडित मोहित भारद्वाज ने भगवान गणेश जी के जन्म की कथा का वर्णन किया। व्यास जी ने बताया कि माता पार्वती ने अपने शरीर पर हल्दी लगाई और उससे एक पुतला बनाया जिसमें उन्होंने प्राण देकर भगवान गणेश को जन्म दिया। बाद में पार्वती ने गणेश को अपना द्वारपाल नियुक्त किया लेकिन जब शिव ने पार्वती से मिलने की इच्छा जताई तो गणेश ने उन्हें रोका जिससे शिव ने क्रोधित होकर गणेश का सिर काट दिया। शिव को पता नहीं था कि गणेश उनकी संतान है और गणेश ने शिव को अंदर जाने से रोक दिया जिससे शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश का सिर काट दिया। जब पार्वती को पता चला कि शिव ने गणेश का सिर काट दिया है तो वह रोने लगी और शिव से विनती करने लगी कि गणेश को जीवित करें। शिव ने पार्वती की विनती पर गरुड़ को भेजा जो एक हाथी का सिर लेकर आया और शिव ने उसे गणेश के धड़ से जोड़कर उन्हें पुनर्जीवित कर दिया। इस प्रकार भगवान गणेश का जन्म हुआ जो शिव और पार्वती के पुत्र थे लेकिन उनका सिर हाथी का था। व्यास जी ने आगे बताया कि लोगों को कभी बड़बोले बोल नहीं बोलने चाहिए क्योंकि ऐसा करने से कुछ समय के लिए तो सही रहता है। बाद में पछताना पडता है। भगवान गणेश की बहुत सुन्दर झांकी निकाली गई जिसको देखकर सभी भक्त मंत्र मुग्ध होकर गये। इस मौके पर व्यास पंडित मोहित भारद्वाज, दीपक, धर्मेंद्र पंडित, कान्हा, पवन गर्ग, हर्षित गर्ग ,उमेश गर्ग ,विकास गुप्ता ,अजय गर्ग ,उदित गर्ग ,मंजू गर्ग ,नितू गर्ग,सारिका गर्ग ,अजित सिंह ,पूनम, पारुल सहित अनेक भक्त शामिल रहे।

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