नारी सशक्तिकरण पर एन एस एस का शिविर
हापुड सीमन (ehapurnews.com):हापुड के आर्य कान्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा महाविद्यालय की प्राचार्या के संरक्षण व कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर सर्वेश कुमारी के निर्देशन में एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र में संगोष्ठी का शुभारंभ प्राचार्या डॉ0 साधना तोमर ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया। छात्रा मनु शर्मा मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। दीपा ,तनीषा ,हिमांशी स्वयंसेविकाओं ने राष्ट्रीय सेवा योजना का लक्ष्य गीत प्रस्तुत किया। संगोष्ठी का मुख्य विषय नारी सशक्तिकरण पर आधारित रहा। पारुल ने’ तू चल तेरे वजूद की समय को भी तलाश है’ कविता के माध्यम से नारियों को मेहनत करने व पूरी ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ाने का संदेश दिया श्रुति मिस्रा ने समाज में नारी के महान योगदान पर अपने विचार प्रस्तुत किये कि किस प्रकार नारी परिवार और समाज में अपनी अहम भूमिका निभाती है किरण, मनीषा , स्वाती, निशा, सोनी, रिया व बबली ने ‘ बेटी है परिवार की खुशीयों का आधार ‘ विषय पर नुक्कड नाटक प्रस्तुत कर सभी को संदेश दिया की बेटी के जन्म पर हमे खुशियां मनानी चाहिए। स्वाति ने नारी के योद्धा स्वरूप पर एक कविता प्रस्तुत की दीप्ति, श्रुति ,मेघा मानसी, खुशबू सोनिया सैफी व पारुल ने आरंभ है प्रचंड गीत पर ऊर्जा से परिपूर्ण एक सामूहिक योगा प्रस्तुति देकर सबका मन मोह लिया द्वितीय सत्र में सभी स्वयंसेविकाओं ने औषधीय गुणों से परिपूर्ण पौधों का एक बगीचा तैयार किया। जिसमें गिलोय तुलसी एलोवेरा अश्वगंधा, सदाबहार ,सुदर्शन , गुड़हल ,करी पत्ता जैसे उपयोगी पौधे लगाए। छात्राओं ने पौधारोपण के पश्चात साफ-सफाई करके स्वच्छता अभियान चलाया तथा जगह-जगह फैले कूड़े करकट का निस्तारण किया। प्राचार्य ने छात्राओं को एक सशक्त व सफल व्यक्तित्व के रूप में विकसित होने के लिए किरण बेदी, कल्पना चावला, पद्मावती बंदोपाध्याय, सुचेता कृपलानी आदि सशक्त महिलाओं का उदाहरण देकर उन्हें प्रेरणा दी तथा जीवन में मेहनत करने व शिक्षा को अपना शस्त्र बनाकर जीवन की चुनौतियों से लड़ने का संदेश दिया। प्राचार्य ने स्वयं सेविकाओं को औषधीय पौधों के गुणों के बारे में जानकारी दी तथा राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई को सफल एक दिवसीय शिविर के आयोजन की बधाई दी। कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर सर्वेश कुमारी ने संगोष्ठी का संचालन करते हुए छात्राओं को शिक्षित होकर आत्मनिर्भर बनने व समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित किया तथा औषधीय पौधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी स्वयंसेविकाओं को प्रेरित किया कि वह अपने घरों में तथा आसपास औषधीय पौधे लगाए व लोगों को उनके उपयोग के विषय में भी बताएं राष्ट्रगान के साथ शिविर का समापन किया गया।
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