संचारी रोग नियंत्रण के लिए बचाव जरूरी
हापुड़(सू0वि0)(ehapurnews.com): मुख्य विकास अधिकारी प्रेरणा सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की अंतर विभागीय बैठक सोमवार को संपन्न हुई।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा विशेष संचारी रोग नियंत्रण / दस्तक अभियान के अंतर्गत बैठक में समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनपद में संचारी अभियान को सफल बनाने हेतु समुचित व्यवस्था की जाए प्रशिक्षण पूर्ण कर लिए जाएं और हॉटस्पॉट को चिन्हित करके समस्त निरोधात्मक कार्यवाही संपन्न कराई जाए l उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलाया जाना है, जिसमें स्वास्थ्य नगर विकास पंचायती राज, पशुपालन, बाल विकास, शिक्षा चिकित्सा, दिव्यांग, जन सशक्तिकरण, कृषि एवं सिंचाई सूचना विभाग, उद्यान विभाग रोग नियंत्रण हेतु संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जनमानस के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। बुखार के रोगियों की तलाश की जाएगी तथा नगर व क्षेत्र में साफ-सफाई की व्यवस्था होगी।
सीडीओ ने नगर पालिका/नगर पंचायत और पंचायती राज विभाग को निर्देशित किया कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक साफ-सफाई रखी जाए ताकि कहीं भी जलभराव के कारण मच्छरजनित परिस्थितियां उत्पन्न न होने पाएं। उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि निर्धारित गतिविधियों को समय से संपादित करें।
मुख्य विकास अधिकारी ने निर्देश दिये कि नालियों की सफाई, जल-जमाव हटाये एवं एंटी लार्वा का छिड़काव कराये।बीएसए को निर्देश दिया कि विद्यालयो में जागरूकता के कार्यक्रम कराये जाए और ब्लॉक स्तरीय ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारी बैठक कर ब्लॉकवार योजना बनाएं lबैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि दस्तक अभियान में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार के मरीजों, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस के रोगियों, क्षय रोग के लक्षणयुक्त व्यक्तियों एवं कुपोषित बच्चों की सूची बनाएंगी।
संचारी रोगों से बचाव के लिए बरतें सावधानी –
पूरी बांह के कपड़े पहनें, मच्छररोधी क्रीम लगाएं
क्वायल या रेपलेंट का उपयोग करें, रात में मच्छरदानी लगाकर सोएं
घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली का प्रयोग करें।
घर और उसके आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें। डेंगू का मच्छर साफ ठहरे पानी में पनपता है, जैसे कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के पीने के पानी के बर्तन,फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजेबल बर्तन, गिलास आदि। इसलिए इन जगहों पर पानी नियमित रूप से बदलते रहें। यदि पानी इकट्ठा है तो वहाँ पर जला हुआ मोबिल ऑयल या मिट्टी का तेल डाल दें।
पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों को ढककर रखें, प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सूखा करके ही उपयोग में लाएं।
बुखार आने पर खुद से कोई इलाज न करें| निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर प्रशिक्षित चिकित्सक से ही जांच और इलाज कराएं।
बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार त्यागी, जिला विकास अधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारी समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद, जिला मलेरिया अधिकारी सत्येंद्र सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी अर्चना गुप्ता, जिला विद्यालय निरीक्षक सहित समस्त संबंधित अधिकारी एवं एमओआईसी उपस्थित रहे।
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