हापुड़ में ठेके पर चल रही है आरा मशीनें
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़ मे हर काम ठेकेदारी प्रथा पर चल रहे है, या यूं कहे कि कांट्रैक्ट बेस पर कार्य करने, कराने का धंधा जोरों पर है। नया ताजा मामला आरा मशीनों का सामने आया है जिसके लाइसैंस का मालिक कोई और है और लाइसैंस का संचालक कोई और। आरा मशीन के ये लाइसैंस धारक एक-एक लाख रुपए महीना घर बैठे कमा रहे है।
हापुड़ में लकड़ी के कटान हेतु वन विभाग द्वारा बड़ी तादाद में लाइसैंस जारी किए गए हैं जिनमें से करीब दो दर्जन लाइसैंस ऐसे है, जो एक लाक रुपए प्रति माह की दर से किराए पर चल रहे है और लाइसैंस धारक लाखों रुपए घर बैठे कमा रहे है।
हापुड़ से गांव श्यामपुर-जरौठी मार्ग पर अनेक आरा मशीन स्थापित है, जहां जंगलों से भारी मात्रा में लाई गई लकड़ी दिनरात काटी जाती है। ज्यादातर लकड़ी जंगलों से गैर कानूनी तरीके से काट कर ट्रैक्टर ट्रालियों, छोटे हाथियों, ट्रकों द्वारा लाई जाती है। हापुड़ लकड़ी के खपत की सबसे बड़ी मंडी बना है। इसी मार्ग पर संचालित अधिकांश आरा मशीनें ठेके पर चल रही है। जिस कारण विद्युत लाइन लोस भी इस इलाके में बढ़ रहा है। खास बात यह है जिन भवनों में ये आरा मशीनें संचालित है, वे व्यवसायिक भवन हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण से स्वीकृत नही है। यदि सरकार के नुमाइंदे इस ओर ध्यान दें तो शासन को भारी राजस्व प्राप्त होगा।