हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ के थाना गढ़मुक्तेश्वर के गांव अठसैनी निवासी मदन पाल सिंह ने बेटे के अपहरण और धर्मांतरण का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में गंभीरता दिखाते हुए पुलिस ने जांच शुरू की तो मामला झूठा पाया गया।
जानिए क्या है सच्चाई:
गढ़मुक्तेश्वर के कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सोमवीर सिंह के अनुसार गांव अठसैनी निवासी मदन पाल सिंह ने 11 अप्रैल को थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया जिसके अनुसार मदन पाल ने तहरीर दी कि उसका बेटा प्रदीप पिछले साल 19 फरवरी से लापता है जिसने अपनी फेसबुक आईडी बदल कर जुनैद के नाम से कर ली है। अपहरण और धर्मांतरण की तहरीर मिलने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की तो सच्चाई कुछ और ही निकली।
असली नाम है जुनैद:प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर प्रदीप को सीतापुर से पकड़ लिया और कोतवाली ले आई। जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि युवक का असली नाम प्रदीप नहीं बल्कि जुनैद ही है।
जुनैद सीतापुर का रहने वाला है जिस के परिजनों ने हापुड़ के एक मदरसे में उसे पढ़ाई के लिए भेजा था लेकिन पढ़ाई में उसका मन नहीं लगा तो वह वहां से भाग निकला और जंगल में पहुंच गया। इस दौरान उसकी मुलाकात खेतों में काम कर रही एक महिला से हुई। यह महिला मदनपाल की बहन निकली। महिला ने बताया कि मदनपाल के पास कोई बेटा नहीं था। ऐसे में उसने जुनैद को अपने भाई के यहां भेज दिया। जुनैद करीब पांच साल तक मदन पाल के यहां रहा और पत्थर का काम सीखने के लिए राजस्थान चला गया। जब वह वापस आया तो सीधे सीतापुर अपने घर पहुंच गया।
मदनपाल का रो-रो कर बुरा हाल:
मदनपाल यह सदमा बर्दाश्त न कर सका जिसके बाद उसने पुलिस को तहरीर देकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया। दोनों परिवारों से बात करने के बाद पुलिस ने बालिक जुनैद को उसके असली परिजनों के साथ भेज दिया।
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