
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): नाबालिग को बालिग दिखाकर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने के मामले में दो एबीएसए पर गाज गिरी है। एबीएस योगेश गुप्ता और तत्कालीन धौलाना एबीएसए रचना सिंह जांच के दायरे में आए हैं जिन्हें दोषी पाया गया है। हालांकि योगेश गुप्ता को पहले भी डीएम के आदेश पर सस्पेंड कर दिया गया था। फिलहाल वह न्यायालय से स्टे के आधार पर सिंभावली से एबीएसए हैं। वहीं रचना सिंह पहले ही एक अन्य मामले में सस्पेंड कर दी गई हैं।
सीए हर्ष अग्रवाल ने की थी फर्जीवाड़े की शिकायत:
हापुड़ के न्यू शिवपुरी कॉलोनी निवासी सीए हर्ष अग्रवाल ने एक शिकायत आईजीआरएस के माध्यम से शासन से की थी। शिकायत के अनुसार मृत अनिल कुमार के स्थान पर मृतक आश्रित में उनके नाबालिग बेटे को नियुक्त किया गया। नाबालिग की कक्षा 10 की सनद में आयु 11 नवंबर 2006 अंकित है। इस आधार पर 18 साल की आयु पूर्ण होने से चार महीने पहले ही बीएसए कार्यालय से नियुक्ति पत्र थमा दिया गया। इस प्रकरण के बाद से अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए।
बीएसए ने नियुक्ति को निरस्त कर दिया:
शिकायत के बाद मामले की जांच शुरू हुई जिसके बाद बीएसए ने नियुक्ति को निरस्त कर दिया और संयुक्त शिक्षा सचिव ने अपनी जांच में दोनों ABSA को दोषी पाया। दोनों ही रडार पर हैं। दोनों की जांच जारी है। बताया जा रहा है कि गलत आधार कार्ड व मार्कशीट लगाकर मृतक आश्रित में नाबालिग को बालिग दिखाकर नौकरी दिलाई गई।



























