उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों को पुनः उपचार पर लाया जाएगा

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उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों को पुनः उपचार पर लाया जाएगा

एचडब्लूसी पर टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए 15 मई से शुरू होगा विशेष अभियान

विशेष अभियान से पूर्व ग्राम स्तर पर होंगे जागरुकता कार्यक्रम, 45 सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण

हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़, टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों को पुनः उपचार पर लाया जाएगा। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के कर्मचारी ऐसे रोगियों की सूची तैयार कर संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को उपलब्ध कराएंगे। 15 मई से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ( सीएचओ) के माध्यम से विशेष क्षय रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। बृहस्पतिवार को पहले चरण में 45 सीएचओ को रेलवे रोड स्थित एक होटल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. सुनील कुमार त्यागी की अध्यक्षता में प्रशिक्षण दिया गया। सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी ने प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए कहा- विशेष अभियान के दौरान आशा- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से अधिक से अधिक टीबी रोगी खोजकर उनका तत्काल उपचार शुरू करना है, इसके साथ ही उपचार बीच में छोड़ गए क्षय रोगियों की टीबी चैंपियन की मदद से काउंसलिंग कर उन्हें पुनः उपचार पर लाना है।

सीएमओ डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने कहा – टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए समाज के हर व्यक्ति को अपना योगदान करना होगा। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया – एचडब्लूसी पर टीबी संबंधी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु विशेष अभियान के लिए सीएमओ डा. सुनील त्यागी के निर्देश में विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। अभियान के लिए सीएचओ प्रशिक्षण कर दिया गया है। अभियान के प्रति ग्राम स्तर तक संवेदीकरण के लिए ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में विलेज हेल्थ सेनीटेशन एंड न्यूट्रीशियन कमेटी) की बैठकें की जाएंगी। हर एचडब्ल्यूसी के क्षेत्र में उच्च प्राथमिकता (दूरस्थ, घनी आबादी और मलिन बस्ती) वाले क्षेत्रों का चयन किया जा रहा है। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के स्टाफ द्वारा सूची तैयार कर नौ मई तक संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

डीटीओ डा. राजेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा – सभी एचडब्लूसी से जोड़े गए दो-दो चैंपियन ( महिला-पुरुष) की सूची संबंधित सीएचओ को उपलब्ध करायी जाएगी। इसके साथ ही ग्राम स्तर पर हेल्थ कैंप की सूची तैयार कर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से सीएचओ को भेजी जाएगी। सूची में समय, दिनांक और स्थान का उल्लेख होगा। अभियान से पूर्व सभी एचडब्ल्यूसी पर शुगर और एचआईवी जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही जागरुकता बढ़ाते हुए ग्रामीणों को टीबी मुक्त ग्राम पंचायत ‌के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव कुमार टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वरिष्ठ प्रयोगशाला बृजेश कुमार ने बेलगम के नमूने की पैकिंग की जानकारी दी। जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक शर्मा ने जागरूकता कार्यक्रम के बारे में बताया।

जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया -जिला स्तर पर अभियान का पर्यवेक्षण खुद सीएमओ, एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) और जिला कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) करेंगे। ब्लॉक स्तर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) और ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) अभियान का पर्यवेक्षण करेंगे। शासन स्तर से अभियान की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी।

पिछले वर्ष चलाया गया था पहला विशेष अभियान

पीपीएम समन्वयक ने बताया – वर्ष 2022 में पहली बार 23 अगस्त से 30 सितंबर तक एचडब्लूसी के जरिए पहला विशेष क्षय रोगी ‌खोज अभियान चलाया गया था। उसके बाद दिसंबर, 2022 से हर माह की 15 तारीख को एचडब्ल्यूसी पर एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन किया जाता है। एकीकृत निक्षय दिवस के मौके पर आशा द्वारा चिन्हित क्षय रोग से मिलते जुलते लक्षण वालों की बलगम जांच कराई जाती है, साथ ही शुगर और एचआईवी स्क्रीनिंग भी की जाती है।

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