हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ के पिलखुवा के राष्ट्रीय राजमार्ग-9 पर स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज में डीएम द्वारा गठित दो सदस्यीय टीम बुधवार को पहुंची जिसने पांच वर्षीय बच्ची की मौत के मामले में जांच की। इस दौरान टीम ने सीसीटीवी फुटेज को जब्त कर लिया। साथ ही बच्ची के परिजनों से फोन पर बात कर उसके बयान लिए। इस मामले में एडीएम और सीएमओ रिपोर्ट तैयार कर डीएम को सौंपेंगे।
बिहार के जनपद कटिहार के जगतपुर के रहने वाले अनवर की पांच साल की बेटी अमरीन की पिछले शुक्रवार को तबियत बिगड़ गई थी जिसके बाद अनवर उसे सरस्वती मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचा था। आरोप है कि स्टाफ ने 20 हजाr रुपए जमा कराने के लिए कहा लेकिन रुपए नहीं होने पर बच्ची को इलाज नहीं दिया गया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। अनवर पिछले सात महीने से सरस्वती मेडिकल कॉलेज में ही ठेकेदार के ज़रिए राज मिस्त्री का काम कर रहा है। मामला सामने आने के बाद जिलाधिकारी ने दो सदस्य टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए हैं। सीएमओ तथा एडीएम ने बुधवार को मामले की जांच की और सीसीटीवी आदि जब्त कर लिए। साथ ही विभिन्न पहलुओं पर छानबीन की।
वहीं सरस्वती मेडिकल के जीएम वर्धराजन ननजप्पा ने बताया कि हमारे यहां एक-एक मरीज का रिकॉर्ड रखा जाता है। भर्ती करने के लिए मेडिकल कॉलेज के अस्पताल का खर्च 600 रुपए प्रतिदिन है। बच्ची की जिस तरह की बीमारी थी उसमें वह दो से तीन दिन तक ठीक हो सकती थी। ऐसे में यदि यह मान लिया जाए कि किसी ने रुपए जमा करने को कहा तो डेढ़-दो हजार रुपए जमा करने की बात हो सकती है। 20 हजार जमा होने की बात में दम नहीं है। हम जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं।मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में भर्ती मरीजों से एडवांस रुपया जमा नहीं कराया जाता है। बच्ची का ओपीडी में उपचार संभव नहीं था।
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