कषाय,क्रोध, मिथ्या वचन, लोभ आदि का त्याग ही उत्तम त्याग धर्म है
हापुड, सीमन/सुरेश जैन (Ehapurnews.com): आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर कसेरठ बाजार हापुड पर चल रहे दशलक्षण पर्युषण महापर्व के आठवे दिन जैन विद्धान राहुल जैन शास्त्री ने कहा कि कषाय, क्रोध, मोह, मिथ्या वचन, लोभ का त्याग उत्तम त्याग है, आवश्यकताओं को सीमित रखना चाहिए, त्याग का जीता जागता उदाहरण जैन दिगम्बर मुनिराज हैं जो न वस्त्र धारण करते हैं और 24 घन्टे मे एक बार ही आहार लेते हैं।प्रातःकाल अभिषेक पूजन शान्तिधारा के बाद जैन धर्म के 23वे तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ का विधान पाठ हुआ। जैन भक्तों ने विधान पाठ मेः बैठकर श्रद्धांपूर्वक पूजन किया।आचार्य विद्यासागर पाठशाला के छात्र- छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। महाआरती का आयोजन हुआ। जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन ने बताया कि 17 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी होगी,18 सितम्बर को नगर मे भव्य जैन रथयात्रा निकाली जाएगी तथा 19 सितम्बर को मनोहर हैरिटेज में रात्रि 6 बजे से जैन प्रतिभा सम्मान समारोह और विराट कवि सम्मेलन होगा।
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